90 हजार स्कूली छात्रों की सुधारी लिखाई, वीरेंद्र को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड, पांच को राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

By: Aug 29th, 2022 12:06 am

धरोगड़ा स्कूल के टीजीटी शिक्षक वीरेंद्र कुमार को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड, पांच सितंबर को राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धरोगड़ा में टीजीटी के पद पर कार्यरत वीरेंद्र कुमार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति पांच सितंबर को वीरेंद्र कुमार को सम्मानित करेंगे। ‘दिव्य हिमाचल’ को दिए साक्षात्कार में शिक्षक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जिस स्कूल में चार साल से वह बच्चों को पढ़ा रहे हैं उनकी स्कूली पढ़ाई उसी स्कूल से हुई है। इससे पहले साल 2015 में उन्हें राज्य स्तरीय अवार्ड मिल चुका है। वीरेंद्र कुमार को बच्चों की राइटिंग में सुधार लाने का श्रेय जाता है। वर्ष 2018 में उन्होंने लिखावट में सुधारने का काम शुरू किया था। चार सालों में वह 90 हजार बच्चों की लिखावट सुधार चुके हैं। इनमें ओमान, यूएई, यूएसए और यूके शामिल है। वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला संदोआ से प्राप्त की है। उनके पिता भी स्कूल में शिक्षक थे। उनकी शुरू से ही रूची थी कि वह शिक्षक बनें। 17 सालों तक वह जेबीटी के शिक्षक के पद पर कार्य किया। पांच सालों से वह टीजीटी शिक्षक हैं। पहले अपने स्तर पर ही बच्चों की लिखावट में सुधार करने का कार्य कर रहे थे।

अब उन्होंने प्रदेशभर में 250 के करीब मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं। अब वह बच्चों की लिखावट में सुधार पर कार्य कर रहे हैं। बच्चों को वह नि:शुल्क राइंटिंग स्किल को सुधारने की कक्षाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि शहर क स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है लेकिन मेरा मानना है कि गांव का वातावरण सही होता है और शांत माहौल में पढ़ाई का भी अच्छा माहौल बनता है ऐसे में शिक्षकों को भी गांव की जगह शहर को प्राथमिकता देनी चाहिए। शिक्षा व्यवस्था पर बात रखते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे अभिभावकों और शिक्षकों को इस बात का खास ख्याल रखना बेहद जरुरी है। बच्चा यदि खेलना चाहता है तो उसे ये भी बताना जरुरी है कि कितना समय उसे खेलों को देना है और कितना समय उसे पढ़ाई को देना है। इसके साथ अभिभावकों को भी यह ख्याल रखना होगा कि वे बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीद न लगाए। जिस क्षेत्र में छात्र की रुचि है उसी क्षेत्र में उसे जाने दे और उस पर किसी भी तरह का कोई दबाब न बनाए। बच्चों से ये पूछा जाना चहिए कि उसे किस विषय में रुचि है। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों से केवल प्रोफेशनल बात ही न करे। इस समय का बेहतर यूटिलाइज किया। बच्चों की राइटिंग स्किल को सुधारने का इसमें मौका मिलेगा।


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