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कमजोर देशों को जाल में फंसाना चीन की फितरत, मदद का नाम देकर कई मुल्कों को कर्ज में उलझाया

By: Sep 12th, 2022 4:46 pm

कोलंबो। चीन की चाल और हड़पने की नीति से सभी बाकिफ हैं। चीन एक ऐसा देश है, जिसके मंसूबे अगर बलपूर्वक कामयाब न हों, तो वह शातिर चालें चलना शुरू कर देता है। वह कमजोर देशों की कमजोरी को भांपकर उन्हें अपने जाल में फंसाता चला जाता है और उसे मदद का नाम दे देता है। यहां हम बात कर रहे हैं घोर आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका, मालदीव और पाकिस्तान की, जो कि चीन के जाल में पूरी तरह से उलझ चुके हैं और उससे निकलना तीनों देशों के लिए बड़ी चुनौती है।

दरअसल श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव चीन के कर्ज में डूबे हुए हैं। पाकिस्तान पर 77.3 अरब डॉलर का चीन का विदेशी कर्जा है, जबकि मालदीव पर उसकी सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 प्रतिशत है। द्वीप ने फोब्र्स की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि 2020 के अंत तक मालदीव का कुल कर्ज एमवीआर 86 अरब है। फोब्र्स ने विश्व बैंक से 2020 के प्राप्त आंकड़ों से कहा कि विश्व भर में 97 देशों पर चीन का कर्ज है। इनमें से भारी कर्ज में डूबे ज्यादातर देश अफ्रीका में हैं, लेकिन इनमें मध्य एशिया, दक्षिणपूर्वी एशिया और प्रशांत में भी मिल सकते हैं। वर्ष 2022 में दुनिया के कम आय वाले देशों की 37 प्रतशित आय, तो चीन को कर्ज में दिया है कि शेष विश्व के द्विपक्षीय कर्ज 24 प्रतिशत है। चीन ने सबसे ज्यादा विदेशी कर्ज पाकिस्तान को 77.3 अरब, अंगोला को 36.3 अरब, इथोपिया को 7.9 अरब, केन्या को 7.4 अरब और श्रीलंका को 6.8 अरब डॉलर का दिया है।

मालदीव में चीन से ऋण के साथ परियोजनाओं में सिनामाले पुल का निर्माण और हवाई अड्डा विकास परियोजना शामिल है। बांग्लादेश भी चीन के क्षेत्र और सडक़ पहल का हिस्सा हैं। ढाका पर अपने कुल विदेशी कर्ज का छह फीसदी बीजिंग का बकाया है, जो करीब चार अरब डॉलर है। ऐसे में यदि उपरोक्त देश चीन का कर्ज न चुका पाए, तो उन देशों की बागडोर चीन अपने पास रख सकता है।


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