रेप पीड़ित मामलों में ‘टू फिंगर टेस्ट’ पर SC की रोक, कहा- ऐसा करने वालों पर होगी कार्रवाई

By: Oct 31st, 2022 12:32 pm

नई दिल्ली। रेप पीड़ित मामलों में होने वाले टू फिंगर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए इस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने फैसला सुनाते हुए बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में ‘टू-फिंगर टेस्ट’ के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि इस टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इस तरह का टेस्ट पीड़िता को दोबारा यातना देने जैसा है। यह टेस्ट एक गलत धारणा पर आधारित है कि एक सेक्शुअली एक्टिव महिला का बलात्कार नहीं किया जा सकता है।

बेंच ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में यौन उत्पीड़न या रेप सर्वाइवर का टू फिंगर टेस्ट नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट, तेलंगाना हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ चल रहे केस पर फैसला सुना रही थी, जिसने एक निचली अदालत के रेप केस के मामले में दर्ज दोषसिद्धि को उलट दिया था।

जानें क्या होता है ‘टू फिंगर टेस्ट’

बता दें कि टू फिंगर टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जिसमें डॉक्टर रेप पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में एक या दो उंगली डालकर टेस्ट करते हैं कि वह वर्जिन है या नहीं। यदि उंगलियां आसानी से महिला के प्राइवेट पार्ट में चली जाती हैं तो माना जाता है कि वह सेक्सुअली एक्टिव थी और इसे ही महिला के वर्जिन या वर्जिन न होने का भी सबूत मान लिया जाता है।


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