शिक्षण संस्थानों में फीस रिफंड पॉलिसी लागू, माइग्रेशन-एडमिशन कैंसल पर वापस करनी होगी फीस

By: Nov 6th, 2022 10:12 pm

माइग्रेशन-एडमिशन कैंसल पर वापस करनी होगी पूरी फीस; कोविड काल से मिल रही थी शिकायतें, यूजीसी सख्त

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यूजीसी ने सत्र 2022-23 में फीस रिफंड पॉलिसी में बदलाव किया। ऐसा इसलिए क्योंकि यूजीसी के निर्देश के बावजूद कुछ यूनिवर्सिटी ने छात्रों को फीस वापस नहीं की। साथ ही एडमिशन कैंसिल करवाने पर उनकी फीस का एक बड़ा हिस्सा संस्थान वापस नहीं कर रहा है। इस तरह की कई शिकायतों के बाद यूजीसी ने सख्त रूख अपनाते हुए चेतावनी जारी की है। यूजीसी ने कहा कि हर यूनिवर्सिटी को यूजीसी की फीस रिफंड पॉलिसी को लागू करना होगा। साथ ही छात्रों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स भी वापस करने होंगे। कोई भी यूनिवर्सिटी छात्रों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स को वापस देने से इनकार नहीं कर सकती है। यूजीसी ने कहा है कि जो यूनिवर्सिटी इन नियमों का उल्लंघन करेगी, उनको मिलने वाली ग्रांट पर रोक लग सकती है और अगर कोई कालेज या इंस्टिच्यूट इन नियमों को नहीं मानता तो ऐसी स्थिति में संबंधित यूनिवर्सिटी को उस कालेज की मान्यता वापस लेने की भी सिफारिश की जा सकती है। गौर रहे कि यूजीसी को ऐसी कई शिकायतें मिल रही थी कि कई संस्थान एडमिशन करवाने पर ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट लेते हैं और जब स्टूडेंट्स एडमिशन कैंसल करवाने को एप्लीकेशन देते हैं तो डॉक्यूमेंट वापस करने में संस्थान मनमानी करते हैं और नियमों के मुताबिक फीस भी वापस नहीं देते हैं।

क्या था मामला

कोरोना महामारी के कारण शैक्षिक सत्र देरी से ही चल रहा है और इसके कारण इस बार भी इंजीनियरिंग, अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए हो रहे एंट्रेंस टेस्ट में कुछ लेटलतीफी भी हो रही है। हर साल यूनिवर्सिटी में एडमिशन जहां जुलाई-अगस्त में हो जाते थे, वहीं इस बार एडमिशन के लिए यूजीसी की प्रक्रिया देरी से पूरी हुई है। इसी कारण यूजीसी ने इस सत्र को स्पेशल केस मानते हुए फीस रिफंड पॉलिसी में भी कुछ बदलाव किए थे और इस साल के लिए फीस रिफंड पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान जोड़े थे।

क्या है नियम

सत्र 2022-23 के लिए यूजीसी ने नियम बनाया है, जो छात्र 31 अक्तूबर तक किसी संस्थान में अपना एडमिशन कैंसल करवाएंगे या माइग्रेशन होगा तो छात्र की फीस में कोई कटौती नहीं की जाएगी और उसकी पूरी फीस रिफंड होगी। साथ ही कोई चार्ज भी नहीं काटा जाएगा। वहीं, पहली नवंबर से 31 दिसंबर तक जो छात्र एडमिशन कैंसल करवाएंगे या दूसरी जगह शिफ्ट होंगे, उनके द्वारा जमा करवाई गई फीस में से केवल 1000 रुपए ही कटेंगे। साथ ही 1000 रुपए प्रोसेसिंग फीस के रूप में काटे जाएंगे। इसके अतिरिक्त संस्थान को सारी फीस लौटानी होगी। इन नियमों को नहीं मानने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कारवाई की सिफारिश होगी।


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