शिमला यूनिवर्सिटी को ग्रेड ‘ए’, नैक की रिपोर्ट में एचपीयू के पाठयक्रम की सराहना, रंग लाई मेहनत

By: Nov 9th, 2022 9:29 pm

नैक की रिपोर्ट में एचपीयू के पाठयक्रम की सराहना, तीन माह की कड़ी मेहनत लाई रंग

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

एचपीयू ने नैक ग्रेडिंग में अपना ‘ए’ ग्रेड कायम रखने में सफलता प्राप्त की है। एचपीयू को ‘ए’ ग्रेड मिलना पूरे प्रदेश के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। हालांकि इस बार ग्रेडिंग की प्रक्रिया पहले की प्रक्रिया से बिल्कुल भिन्न थी। गौर हो कि पहले सारी ग्रेडिंग नैक टीम के मूल्यांकन पर निर्भर करती थी। जबकि इस बार की ग्रेडिंग नैक टीम के हाथ में सिर्फ 30 प्रतिशत ही था। जबकि 70 प्रतिशत एसएसआर पर आधारित मूल्यांकन था। एसएसआर की रिपोर्ट पहले ही जमा करवा दी गई थी। इस हिसाब से जब दोनों को मिलाकर ग्रेड देने की बात हो तो निश्चित रूप में एक बहुत बड़ी परीक्षा थी, जिसमें विश्विद्यालय पूरी तरह से खरा उतरा है। यह सब की पिछले तीन महीनों की कड़ी मेहनत से संभव हो पाया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा की नैक एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने सारी टीम को एवं विश्वविद्यालय के अध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अभी से अब लगातार अपने प्रयास जारी रखेगा और इस से ऊपर वाले ग्रेड को पाने के लिए अपने प्रयास शुरू करेगा, जिसे लगातार जारी रखा जाएगा। नैक रिपोर्ट में एचपीयू के पाठयक्रम निर्माण की प्रक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा है कि पाठयक्रम का निर्माण बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है। इसमें शामिल सभी हितधारकों की राय को ध्यान में रखा जाता है। विश्वविद्यालय के पाठयक्रम में प्रोफेशनल एथिक्स, मानवीय मूल्यों, एनवायरनमेंट और सामाजिक मूल्यों को जोड़ते हुए विश्वविद्यालय बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। कई विभाग जैसे लीगल स्टडीज, व्यवसायिक अध्ययन एवं पेंटिंग आदि में कई नवाचार किए गए हैं। सीबीसीएस को लागू कर विश्वविद्यालय में पाठयक्रम को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। नैक ने छात्रों की विविधता, सलो लर्नर के लिए विशेष क्लासेज एवं एडवांस्ड लर्नर्स को शोध के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया को भी बहुत सराहा। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया की विश्वविद्यालय में नेट और सेट के लिए परीक्षण की उत्तम व्यवस्था है एवं सारा कैंपस वाई फाई है। छात्रों के करियर के विकास हेतु पर्याप्त मार्गदर्शन दिया जाता है। शोध छात्रों को सरकार द्वारा दी जा रही 3000 रुपए की शोध प्रोत्साहन राशि को भी लागू कर दिया गया है। नैक टीम ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक वयवष्ठा की भी सराहना की है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विश्वविद्यालय में विजुअल आर्ट विभाग, स्वास्थ्य केंद्र, एवं मॉडल स्कूल के माध्यम से बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है जिसका न केवल विश्वविद्यालय को बल्कि समाज और प्रदेश एवं देश को भी लाभ हो रहा है। उन्होंने डिफरेंटली एबल्ड छात्रों के लिए किए गए प्रयासों एवं एन्वायरनमेंट की दृष्टि से किए गए विश्विद्यालय के प्रयासों को भी अपनी रिपोर्ट में स्थान दिया है।


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