शिमला यूनिवर्सिटी के खिलाफ हल्ला बोल; 80 फीसदी छात्र फेल; कालेजों में धरने पर बैठे विद्यार्थी

By: Nov 25th, 2022 12:08 am

80 फीसदी छात्र फेल; प्रदेश के कालेजों में धरने पर बैठे विद्यार्थी, वीसी कार्यालय का भी किया घेराव

सोनिया शर्मा-शिमला

हिमाचल प्रदेश विवि ने करीब पांच माह बाद यूजी का रिजल्ट दिया लेकिन इस परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न कालेजों के 80 फीसदी छात्र फेल हो गए हैं। दरअसल छात्र संगठनों ने एचपीयू प्रशासन पर यह आरोप लगाए है। इस बारे में प्रदेश के विभिन्न कालेजों के छात्रों ने धरना दिया और एचपीयू में भी वीसी कार्यालय के बाहर छात्र धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि इस बार एचपीयू ने पेपर चैकिंग के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया यानी मैनुअल आधार पर पेपर चैक नहीं हुए। इसमें जो छात्र पिछली परीक्षा में टॉपर थे वे इस बार सभी सब्जेक्टस में फेल कर दिए गए हैं। जब इस बारे में एचपीयू से बात की गई तो इनका यह तर्क है कि भले ही पेपर कम्प्यूटर में चैक हुए हैं लेकिन इसका काम शिक्षकों ने ही किया है। इसमें कोई त्रुटि नहीं है। कोविड में दो साल छात्रों को प्रोमोट किया गया है तो ऐसे में छात्र इस बार भी इसी तरह की मनोस्थिति में थे। इसके बाद भी यदि किसी छात्र को ऐसा लगता है कि उसने पेपर सही किया था और उसके माक्र्स कम आएं है तो छात्र पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। (एचडीएम)

छात्रों ने कार्यालय आकर अपनी समस्या रखी है कि उनके रिजल्टस खराब हुए हंैं। इनमें से कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो पहले अच्छे माक्र्स में पास हुए हैं लेकिन अब दो से तीन सब्जेक्टस में फेल हुए हैं। इस बारे में जांच की जा रही है

डा. अनुपम, प्रिंसीपल कोटशेरा

इस बारे में राजकीय कन्या महाविद्यालय कालेज की प्रिंसीपल डा. रुचि रमेश का भी कहना है कि उनके पास रोज छात्राएं आ रही है। छात्र-छात्राएं रो-रोकर ये कह रही है कि उनके पेपर बहुत अच्छे हुए हैं वे कैसे फेल हो गई है। एचपीयू इस बारे में देखे कि बच्चों के पेपर कैसे चैक किए गए हैं

डा. रुचि रमेश, प्रिंसीपल, आरकेएमवी कालेज

छात्रों के पेपर कम्प्यूटर में ही चैक किए गए हैं लेकिन ये पेपर शिक्षकों ने ही चैक किए हैं। छात्र फेल होने का कारण पूछने आए हैं अगर उन्हें किसी भी प्रकार का संदेह है तो वे रि-वैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं
डा. जेएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक, एचपीयू

रि-चैकिंग और रि-इवैल्यूएशन के चुकाने होंगे 300 रुपए

एचपीयू प्रशासन ने अब विकल्प दिया है कि छात्र इसके लिए रि-चैकिंग और रि-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें 300 रुपए फीस प्रति सब्जेक्ट देनी होगी। रि-चैकिंग में केवल जो कुल अंक दिए हैं उनका दोबारा जोड़ किया जाएगी जबकि पुनर्मूल्याकंन में किसी अन्य शिक्षक से पेपर चैक करवाए जाएंगे।

छात्र संगठन के बोल

एबीवीपी का कहना है कि कई विद्यार्थियों को 1-1 या 2-2 नंबर से फेल कर दिया है और कई सब्जेक्ट ऐसे हैं जिसमें कि विद्यार्थियों को नंबर ही नहीं मिले हैं जीरो नंबर मिले, अगर पूरी तरह से अगर देखा जाए तो या पूरे के पूरे परीक्षा परिणाम आधे अधूरे विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रस्तुत किए हैं जिससे कि आम छात्रों में भयंकर रोष है। यदि इस परीक्षा परिणामों को ठीक तरह से नहीं देखा गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र प्रदर्शन करके पूरे विश्व विद्यालय का घेराव करते हुए शहर के कालेजों सहित विश्वविद्यालय को ताला लगाएगी।

धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्टूडेंस के हक में मांगा फैसला

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला द्वारा यूजी के खराब परीक्षा परिणामों को लेकर शिमला शहर के सभी कालेजों के छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय में उग्र प्रदर्शन किया। इसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने यूजी के प्रथम और द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणामों को लेकर विद्यार्थियों में अत्यंत रोष है और इस पर उसका प्रदर्शन शिमला शहर के सभी कालेजों के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थी परिषद के साथ मिलकर ग्रुप धरना-प्रदर्शन किया। शिमला जिला के जिला संयोजक समय ठाकुर ने कहा विश्वविद्यालय प्रशासन ने जबसे ऑनलाइन प्रणाली विश्वविद्यालय पर लागू किया तब से विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों में भारी कमी आ रही है।

कई विद्यार्थियों को 1-1 या 2-2 नंबर से फेल कर दिया है। कई सब्जेक्ट ऐसे हैं जिसमें कि विद्यार्थियों को नंबर ही नहीं मिले हैं जीरो नंबर मिले, अगर पूरी तरह से देखा जाए तो या पूरे के पूरे परीक्षा परिणाम आधे अधूरे विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रस्तुत किए हैं जिससे की आम छात्रों में रोष है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि यदि इस परीक्षा परिणामों को ठीक तरह से नहीं देखा गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र प्रदर्शन करके पूरे विश्वविद्यालय का घेराव करते हुए शहर के कालेजों सहित विश्वविद्यालय को ताला लगाएगी।

छात्रों का गिराया जा रहा मनोबल

यूजी के खराब परिणाम पर राजकीय अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता के बोल

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

राजकीय अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला पर बच्चों को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि चार महीनों बाद सोमवार को बीएससी फस्र्ट ईयर का रिजल्ट घोषित किया गया जो कि छह फीसदी के करीब था । स्टूडेंट के विरोध करने पर इसे बुधवार को फिर से अपडेट किया गया। अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता ने कहा कि वे खुद भी काफी वर्षों से बोर्ड में पेपर चैकिंग का कार्य कर रहे हैं। रिजल्ट एक बार ही निकलता है अगर रिजल्ट में कोई कमी हो तो फेल बच्चों को ग्रेस माक्र्स दिए जाते हैं परंतु इस बार शिमला यूनिवर्सिटी ने नया कारनामे को अंजाम दिया। नई लिस्ट में फस्र्ट डिवीजन में पास बच्चों को फेल घोषित कर दिया।

प्रवीण ने कहा कि यह कदम बच्चों के मनोबल को तोडऩे जैसा है। मेधावी बच्चे रात दिन मेहनत कर रहे हैं ताकि देश सेवा कर सकें परंतु उनके भविष्य के साथ जिस प्रकार खिलवाड़ हुआ है उसे देखते हुए बच्चों का विश्वास हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से उठ गया है। राजकीय अध्यापक संघ ने बच्चों के साथ हुए मानसिक उत्पीडऩ के लिए हिमाचल प्रदेश विवि को दोषी मानते हुए कहा कि अगर ऐसी स्थिति में कोई बच्चा गलत कदम उठा ले तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ।


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