एमएल कौसर सभागार में सजी महफिल

By: Dec 8th, 2022 12:02 am

गणमान्यों ने संगीतज्ञ प्रो. जतिंद्र कुमार की जयंती पर दी श्रद्धांजलि

चंडीगढ़, ७ दिसंबर (ब्यूरो)

प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ के एमएल कौसर सभागार में जाने-माने संगीतज्ञ प्रो. जतिंदर कुमार की 75वीं जयंती को समर्पित और पिछले 25 वर्षों से चली आ रही मासिक बैठकों की श्रृंखला की 279वीं कड़ी में बुधवार को एक संगीत भरी शाम का आयोजन किया गया। इस बार इस मासिक बैठक को जाने-माने संगीतज्ञ प्रोफैसर जितेंद्र कुमार की 75वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित किया गया । इस कार्यक्रम में दिल्ली से आए युवा एवं प्रतिभावान कलाकार धु्रव बेदी ने अपने सितार वादन की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को अद्भुत आनंद से सराबोर कर दिया। इस कार्यक्रम में प्रो. जितेंद्र कुमार की 75वीं जयंती के अवसर पर केंद्र की रजिस्ट्रार डा. शोभा कौसर एवं सचिव सजल कौसर ने अपने प्रेम भरे शब्दों से श्रद्धांजलि दी । प्रो. जितेंद्र एक ऐसे कलाकार थे, जिन्होंने कला के क्षेत्र में बहुमूलय योगदान दिया और आप न केवल एक संगीतज्ञ थे, बल्कि एक बहुत कुशल गुरु एवं संगीत रचयता भी थे। इनके बहुत से शिष्य आज संगीत जगत में अपनी जगह बना चुके हैं। इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर अरुण ग्रोवर ने भी प्रो. जतिंदर कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

धु्रव ने इस कार्यक्रम की शुरुआत राग जैजैवंती में आलाप से कार्यक्रम की शुरुआत की । जिसे तीन ताल में निबद्ध दो बंदिशे पेश की गई। विलंबित एवं द्रुत बंदिशों के बाद ध्रुव ने राग बहार से सजी मध्य लय की बंदिश से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी । इसके उपरांत धु्रव ने राग खमाज में ख्याल एवं तराना पेश किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। धु्रव ने ठुमरी जो कि रज़ाखानी गत के रूप से सजी थी, पेश की। पारंपरिक बंदिशें पेश करके ध्रुव ने अपनी विलक्षण प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया और दर्शकों की सराहना प्राप्त की ।इनके साथ तबले पर शंभूनाथ भट्टाचार्य ने बखूबी संगत की । कार्यक्रम के अंत में केंद्र की रजिस्ट्रार डा. शोभा कौसर एवं सचिव सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया।


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