Himachal News: बिल न भरा, तो कारखानों में होगा अंधेरा, औद्योगिक घरानों ने दबाया 141 करोड़ का बिल

By: Dec 3rd, 2022 12:06 am

औद्योगिक घरानों ने दबाया 141 करोड़ का बिल, बिजली बोर्ड ने दिए 15 दिन में राशि जमा करने के आदेश, प्रदेश भर में होनी है 348.89 करोड़ की वसूली

विशेष संवाददाता — शिमला

वित्तीय संकट में घिरे बिजली बोर्ड ने अब औद्योगिक घरानों पर नकेल कसने की तैयारी की है। बोर्ड पर सबसे बड़ा आर्थिक बोझ औद्योगिक क्षेत्रों का है। औद्योगिक क्षेत्रों को बोर्ड के करीब 141 करोड़ रुपए चुकाने हैं और यह राशि कुल लंबित बिल का करीब 40 फीसदी है। औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बिजली का इस्तेमाल करने के बावजूद बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं। इस बकाया राशि में 135.95 करोड़ रुपए बड़े उद्योगों का बिल है, जबकि करीब पांच करोड़ रुपए लघु और मध्यम उद्योगों से वसूली की जानी है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि आगामी 15 दिन में भुगतान न हुआ, तो कनेक्शन काट दिए जाएंगे। बिजली बोर्ड को प्रदेश भर में बिजली बोर्ड को करीब 348.89 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। बिजली बोर्ड को हर महीने 180 करोड़ रुपए का भुगतान वेतन और पेंशन के रूप में कर्मचारियों को करना पड़ रहा है। इनमें 95 करोड़ रुपए पेंशन और अन्य वित्तीय लाभ के रूप में जा रहे हैं, जबकि 85 करोड़ रुपए वेतन के तौर पर बिजली बोर्ड भुगतान कर रहा है। बिजली बोर्ड प्रदेश में 125 यूनिट नि:शुल्क बिजली भी प्रदान कर रहा है और इसके एवज में राज्य सरकार से सबसिडी के तौर पर बोर्ड को भुगतान का एक बड़ा हिस्सा मिलता है। फिलहाल बोर्ड ने अब तमाम फील्ड स्टाफ को आदेश जारी किए गए हैं कि वे लंबित बिलों की उगाही हर हाल में करें और जो भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, उनके कनेक्शन काट दिए जाएं। बिजली बोर्ड अब आगामी 15 दिन में उगाही की तैयारी कर चुका है और इस दौरान जो लोग बिल नहीं चुकाएंगे, उन पर गाज गिरना तय है।

बिजली बोर्ड को अक्तूबर महीने में 82 करोड़ 44 लाख रुपए बतौर सबसिडी हासिल हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा हिस्सा घरेलू सप्लाई का है। घरेलू सप्लाई के लिए बोर्ड को 65 करोड़ 84 लाख रुपए सबसिडी के तौर पर हासिल हुए हैं, जबकि औद्योगिक घरानों को 11 करोड़ रुपए की सबसिडी प्रदान की गई है। जलशक्ति विभाग को एक करोड़ 34 लाख रुपए सबसिडी के रूप में प्रदान किए गए हैं। पंकज डढवाल प्रबंध निदेशक, बिजली बोर्ड ने बताया कि बिजली बोर्ड अब घरेलू, कॉमर्शियल, औद्योगिक, जलशक्ति विभाग और स्ट्रीट लाइट्स के लंबित बिलों की उगाही करेगा। राजस्व हासिल करने में कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो प्रबंधन वर्ग उसके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएगा। बिजली बोर्ड पर 348.89 करोड़ रुपए का भार है। 15 दिन में इस बारे में वसूली का फैसला किया गया है।

घरेलू उपभोक्ताओं के पास 55.17 करोड़

बिजली बोर्ड को घरेलू उपभोक्ताओं से भी 55 करोड़ 17 लाख रुपए की वसूली करनी है। इन उपभोक्ताओं ने बीत छह महीने से ज्यादा समय से बिल का भुगतान नहीं किया है। बिजली बोर्ड ने 15 दिन में घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिल चुकाने की बात कही है। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा अन्य कार्यालयों से 15 करोड़, टेंपरेरी बिजली कनेक्शन के छह करोड़ रुपए वसूले जाने हैं।

गायब होगी स्ट्रीट लाइट की रोशनी

प्रदेश के शहरों को रोशन कर रही स्ट्रीट लाइट का बिल भी जमा नहीं हो पा रहा है। तमाम नगर निगम और परिषद इन बिलों की अदायगी में ढील बरत रही हैं। अब बिजली बोर्ड को अलग-अलग शहरों से छह करोड़ रुपए की वसूली करनी है। छह करोड़ रुपए का बिल नहीं चुकाया गया, तो हिमाचल के शहरों में स्ट्रीट लाइट की बत्ती गुल हो सकती है।

ठप होगी पेयजल सप्लाई

बिजली बोर्ड के इस महाभियान का असर जलशक्ति विभाग पर भी पडऩे वाला है। जलशक्ति विभाग के पास बिजली बोर्ड के 70 करोड़ 29 लाख रुपए बकाया है। 15 दिन में बिल का भुगतान न हुआ तो बोर्ड जलशक्ति विभाग की बिजली गुल कर सकता है। ऐसे में बिजली बोर्ड कार्रवाई करता है, तो पानी की सप्लाई प्रभावित होगी।


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