अब पीजी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, एचपीयू ने कार्यकारी परिषद की बैठक में किया नोटिफाई

By: Dec 6th, 2022 12:06 am

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

एचपीयू में अब नए साल में पीजी कोर्सेज में भी सीबीसीएस यानी च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होगा, जबकि इससे पहले पीजी में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद अब इसे नोटिफाई कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इसे मंजूरी दी गई है और इसमें छात्र सीबीसीएस के पैटर्न के अनुसार ही पढ़ाई करेंगे। यानी एग्जाम से लेकर कक्षाओं के लिए अब नया सिस्टम लागू होगा। इसके साथ ही सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी को भी यह सिस्टम लागू करना पड़ेगा। देश भर के अधिकतर विश्वविद्यालयों ने क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया है। एचपीयू में यूजी डिग्री कोर्स में 2013 में लागू रूसा (सीबीसीएस) सेमेस्टर सिस्टम में रही खामियों के चलते इसे अब तक पीजी कोर्स में लागू नहीं किया जा सका। यूजी में भी विश्वविद्यालय को फिर से ईयर सिस्टम लागू करना पड़ा था। खास बात यह है कि अब स्नातकोत्तर की डिग्री अंकों पर नहीं, बल्कि के्रडिट के आधार पर देगा। इसमें पीजी की दो साल की पढ़ाई में न्यूनतम सौ के्रडिट लेने पर ही डिग्री मिलेगी।

यह है व्यवस्था

क्रेडिट बेस्ड सेमेस्टर सिस्टम में पीजी की डिग्री हासिल के लिए न्यूनतम सौ क्रेडिट लेने जरूरी होंगे, जबकि अधिकतम 120 के्रडिट मिलेंगे। कोर और इलेक्टिव कोर्स में 48-48 क्रेडिट देने की व्यवस्था रहेगी। चार के्रडिट माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट के छात्रों को देने की व्यवस्था रहेगी। हर सेमेस्टर में छात्र को सभी विषयों की परीक्षा में न्यूनतम 25 और अधिकतम 30 क्रेडिट देने का प्रावधान रहेगा। अभी तक पीजी डिग्री कोर्स में अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता रहा है। अब इसे पूरी तरह से क्रेडिट में बदल दिया जाएगा।

एचपीयू में एसएफआई का प्रदर्शन

शिमला। एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में छात्रों के गलत रिजल्ट और सिस्टम के खिलाफ एसएफआई द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए गुंडों द्वारा एसएफआई के साथियों पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया है, परंतु अभी तक उन पर किस तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। इसके चलते सोमवार को एसएफआई ने कैंपस के अंदर धरना-प्रदर्शन किया। सचिवालय सदस्य गौरव ने कहा कि जब से विश्वविद्यालय के अंदर एसएफआई ने छात्रों के आंदोलन को आगे बढ़ाया है और उनके मुद्दों को लड़ा है, तब एबीवीपी के लोगों ने इन आंदोलनों को कुचलने के लिए कैंपस के अंदर लड़ाई का माहौल बनाया है, लेकिन इससे यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है। एसएफआई मांग कर रही है कि बार-बार जिस तरह खामियां इस ईआरपी के अंदर देखने को मिल रही हैं, इस सिस्टम को विश्वविद्यालय से निकाल देना चाहिए।


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