जेबीटी टेट छोड़, सात विषय को मंजूरी; हाई कोर्ट ने दी परमिशन, पहले आठ विषयों पर शुरू होनी थी प्रक्रिया

By: Dec 7th, 2022 12:06 am

हाई कोर्ट ने दी परमिशन; पहले आठ विषयों पर शुरू होनी थी प्रक्रिया, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को मिली बड़ी राहत

टीम — शिमला, धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा आयोजित किए जाने वाले टेट को लेकर प्रदेश हाई कोर्ट ने बोर्ड को बड़ी राहत प्रदान की है। जेबीटी टेट को छोडक़र अन्य सात विषयों के टेट को प्रदेश हाई कोर्ट ने परमिशन दे दी है। इस फैसले के अनुसार टीजीटी आट्र्स, मेडिकल, नॉन मेडिकल, लैंग्वेज टीचर, शास्त्री, पंजाबी और उर्दू अध्यापकों के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट बोर्ड कर पाएगा, जबकि जेबीटी के लिए अभी इंतजार करना होगा। बीएड कैंडीडेट को जेबीटी टेट में शामिल करने के विरोध में जेबीटी यूनियन ने प्रदेश हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था। प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में 15 दिसंबर को सुनवाई निर्धारित की थी। बोर्ड की ओर से लिखे गए पत्र के आधार पर अब बोर्ड ने जेबीटी टेट को छोड़ अन्य सात टेट के आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी है। 10 दिसंबर को जेबीटी टेट प्रात:कालीन सत्र में होना है, जेबीटी टेट फिलहाल पोस्टपोंड रहेगा, जबकि बाकी टेट आयोजित किए जाएंगे। गौरतलब है कि इस बार आठ विषयों के टेट के लिए 65 हज़ार 160 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सबसे अधिक 22 हजार 400 आवेदन सबसे अधिक जेबीटी टेट के लिए आए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से विभिन्न विषयों के आठ टेट का आयोजन किया जाता है, जिनमें से जेबीटी टेट पहले नंबर पर आयोजित होता है। जेबीटी टेट को लेकर जेबीटी यूनियन ने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था। जिस पर कोर्ट ने 15 दिसंबर को सुनवाई निर्धारित की है, अन्य टेट 10, 11 व 12 दिसंबर को आयोजित होने हैं, जिसको लेकर बोर्ड प्रशासन की ओर से एक पत्र मूव करवाया गया था, जिसमें कहा गया था कि 15 दिसंबर की सुनवाई से पहले अन्य टेट होने हैं। उधर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डा. मधु चौधरी ने बताया कि न्यायालय के दिशा-निर्देशों के तहत आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

प्रार्थी की दिव्यांगता का करें आकलन

शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट ने दिव्यांग छात्रा द्वारा नीट परीक्षा पास करने के बाबजूद मेडिकल कालेज में दाखिला न देने के फैसले को चुनौती देने से जुड़े मामले में पीजीआई के निदेशक को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी की दिव्यांगता का आकलन करें। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने पीजीआई के निदेशक को आदेश दिए है कि वह नौ दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें। मामले पर आगामी सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत किए गए चंडीगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज ने इससे पूर्व उसे 78 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र दिया था। दोबारा मेडिकल करवाने पर उसकी दिव्यांगता 78 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत बता दी। नियमों के मुताबिक 80 प्रतिशत तक दिव्यांगत विद्यार्थी ही एमबीबीएस में प्रवेश के पात्र हैं।


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