सकड़ों पर न दिखें आवारा पशु, मुख्य सचिव नेे ग्रामीण विकास विभाग को जारी किए निर्देश
चंडीगढ़, ८ दिसंबर (ब्यूरो)
राज्य में खुले में घूमते आवारा पशुओं के कारण होते हादसों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इनके संभाल और प्रबंधन के लिए योजना बनाने और आवारा पशुओं से होते हादसों के पीडि़तों को उचित मुआवजा देने के लिए एक समान नीति बनाने के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया गया है। गुरुवार को पंजाब सिविल सचिवालय में उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ ने स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में खुलेआम घूमते आवारा पशुओं की शिनाखत करके उनको खास वाहन के द्वारा नजदीकी गोशालाओं के अंदर छोडऩे की व्यवस्था तैयार करें। उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग को कहा कि कोई ऐसा ट्रेकिंग सिस्टम बनाया जाए, जिसके द्वारा जीओ मैपिंग से पता लग सके कि आवारा पशु किस जगह घूम रहा है।
इसलिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जा सकता है, जहां से आवारा पशुओं वाली जगहों पर इनको ले जाने वाले वाहन को भेजा जाये। राज्य में आवारा पशुओं से होते हादसे बहुत ही चिंता का विषय हैए इससे मानवीय जानें बेकार जाती हैं। आवारा पशुआं के रोकथाम के लिए सम्बन्धित विभाग के साथ मिल कर काम करें। इस दौरान मीटिंग में आवारा पशुओं से होते हादसों में जान गवाने वाले व्यक्तियों के परिवार को मुआवाजा राशि देने की नीति पर भी विचार किया गया। मुख्य सचिव की तरफ से वित्त कमिशनर ग्रामीण विकास एवं पंचायत, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय, प्रमुख सचिव पशुपालन, प्रमुख सचिव परिवहन, एडीजीपी ट्रैफिक की कमेटी बनाने का फैसला किया।
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