लिगामेंट में चोट का सफल इलाज
चंडीगढ़, २० दिसंबर (ब्यूरो)
हड्डी रोग के उपचार में आई तकनीकी क्रांति से अब जटिल हड्डी से संबंधित रोग ठीक होने लगे हैं। ऐसे ही एक केस में 38 वर्षीय व्यक्ति जिसके दोनों घुटने सर्जरी के माध्यम से बदले हुए थे, की बाईं टांग के घुटने की नीचे की लिंगामेंट में चोट लगने के कारण से व्हीलचेयर पर निर्भर हो दिव्यांग बनने की कगार तक पहुंच गया था। उक्त रोगी का डिफ्लेक्सियन ओस्टियोटॉमी और रिविजन एसीएल सर्जरी तकनीक से उपचार कर उसे चलने-फिरने के समर्थ कर दिया गया है। यह बात आज हिसार में जाने-माने हड्डी रोग माहिर डा. रवि गुप्ता ने कही, जो क्रिकेट, कबड्डी, रेसलिंग, बास्केटबाल, फुटबाल व एथलीट सहित अन्य कई खेलों के दौरान चोटिल अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की सफल सर्जरी कर चुके हैं। फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ओर्थोपेडिक्स (स्पोट्र्स मेडिसिन) विभाग के डायरेक्टर डा. रवि गुप्ता ने कहा कि खिलाड़ी या आम व्यक्ति के चोटिल होने से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी तो प्रभावित होती है, परंतु यदि हड्डी की चोट गंभीर हो तो वह व्यक्ति को असहनीय दर्द के साथ उसको चलने-फिरने में भी असमर्थ कर सकती है। उन्होंने बताया कि हड्डी रोग के उपचार में आई नई तकनीकी क्रांति से अब किसी भी एक्सीडेंट या किसी भी तरह की चोट से चोटिल हड्डी ठीक की जा सकती है। ऐसा तभी संभव है, जब पीडि़त व्यक्ति को ऐसे अस्पताल में पहुंचाया जाए, जहां माहिर डाक्टरों के साथ-साथ उत्तम तकनीक उपलब्ध हो। डा. रवि गुप्ता ने बताया कि हाल ही में उन्होंने घुटने की चोट से पीडि़त 38 वर्षीय दिव्यांग मरीज जो लंबे समय से व्हीलचेयर पर निर्भर था, का नई तकनीक डिफ्लेक्सियन ओस्टियोटॉमी, रिविजन एसीएल सर्जरी करके उसे पूरी तरह से चलने-फिरने के समर्थ किया है।
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