वोटर की पहचान बताने वाला वोट हो रद्द, निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब-हरियाणा ने किया स्पष्ट

By: Dec 2nd, 2022 12:06 am

चंडीगढ़,  दिसंबर (ब्यूरो)

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए इस साल आठ जनवरी को हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वोटर की पहचान बताने वाला वोट रद्द होना चाहिए। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिए हुए चुनाव के खिलाफ आम आदमी पार्टी की पार्षद अंजू कत्याल सहित अन्य दो लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत को बताया गया था कि चंडीगढ़ नगर निगम के 35 वार्डों के लिए 24 दिसंबर को चुनाव हुए थे और आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आई थी। आप को 14, भाजपा को 12 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं। बाद में कांग्रेस की एक पार्षद भाजपा में शामिल हो गईं थीं। सांसद का एक वोट भाजपा के खाते में पहले से ही थी।

इस तरह दोनों दलों के पास 14-14 वोट हो गए थे। इसके बाद मेयर पद के लिए आठ जनवरी को चुनाव कराए गए। मतदान प्रक्रिया के बाद चुनाव अधिकारी ने आम आदमी पार्टी ;आपद्ध के एक वोट को अवैध करार देकर रद्द कर दिया और इस तरह भाजपा की उम्मीदवार सरबजीत कौर को मेयर पद पर विजयी घोषित कर दिया गया। इसी चुनाव को आप के उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे रद्द कर नए सिरे से इन पदों पर चुनाव करवाने की मांग की थी। याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन ने सवाल उठाते हुए कहा था कि यह याचिका वैध नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल अनिल मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जो मांगपत्र दी है वह वास्तविक नहीं है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App