शिमला की रेणुका एमर्जिंग वूमन क्रिकेटर ऑफ दि ईयर

By: Jan 25th, 2023 10:21 pm

सिटी रिपोर्टर— धर्मशाला
आईसीसी पिछले साल बेस्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को सम्मानित कर रहा है। भारतीय टीम की स्टार तेज गेंदबाज व हिमाचल के शिमला की रेणुका सिंह आईसीसी की एमर्जिंग महिला क्रिकेटर ऑफ दि ईयर पुरस्कार हासिल करने में सफल रहीं। वह इस अवार्ड को जीतने वाली भारत की पहली महिला क्रिकेटर हैं। 26 साल की रेणुका ने आस्ट्रेलिया की डार्सी ब्राउन, इंग्लैंड की एलिस कैप्से और हमवतन यास्तिका भाटिया को पछाडक़र ‘एमर्जिंग प्लेयर’ पुरस्कार जीता।

रेणुका ने 2022 में सफेद गेंद के दोनों प्रारूपों में महज 29 मैच में 40 विकेट अपने नाम किए और महान क्रिकेटर झूलन गोस्वामी के जाने से हुई कमी को भरने की कोशिश की। वनडे में रेणुका बेहतरीन रहीं, उन्होंने 18 विकेट झटके, जिसमें से आठ विकेट इंग्लैंड के खिलाफ दो मैच से आए, जबकि सात विकेट भारत की श्रीलंका के साथ सीरीज के दौरान मिले। रेणुका ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सात टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनकी बल्लेबाजी इकाई को परेशान करते हुए आठ विकेट झटके। साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों और एशिया कप के प्रदर्शन से भी सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने 11 मैचों में 17 विकेट झटके। इसी वजह से उन्हें यह अवार्ड दिया गया है।

घरेलू क्रिकेट में भी हाईस्ट विकेट टेकर
रेणुका हिमाचल प्रदेश महिला क्रिकेट टीम से खेलते हुए वर्ष 2019 में बीसीसीआई की घरेलू वनडे सीरीज में हाईस्ट विकेट टेकर गेंदबाज रह चुकी हैं। उन्होंने सीरीज में सबसे अधिक 23 विकेट चटकाए थे और टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था। बेहतरीन प्रदर्शन करने पर भी रेणुका को भारतीय टीम में स्थान नहीं मिल पाया था। पर रेणुका ने कड़ी मेहनत जारी रखी, जिसके चलते वर्ष 2020 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में चयन हुआ। चयन की सूचना से पहले भी रेणुका अभ्यास के लिए जा रही थी, तभी उन्हें फोन में सूचना मिली, जिसके बाद कोच से बातचीत करके आस्ट्रेलिया दौरे के लिए रवाना हुई। अब रेणुका सिंह ठाकुर ने अपने प्रदर्शन के बलबूते खिताब जीतकर पूरे भारतवर्ष सहित हिमाचल प्रदेश को भी गौरवान्वित कर दिया है।

सच कर दिखाया पिता का सपना
रेणुका के पिता को क्रिकेट के प्रति लगाव था। उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था और उसका नाम इंडियन क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर विनोद भी रख दिया। हालांकि रेणुका के पिता जब वह मात्र तीन साल की थीं, चल बसे। पर उनकी माता ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार कड़ी मेहनत जारी रखी। आज बेटी ने अपने स्वर्गीय पिता के सपने को सच करने के साथ क्रिकेट के इतिहास में कमाल करके अपना नाम स्वर्णिम शब्दों में लिखवा लिया है।

धर्मशाला में 12 साल बहाया पसीना
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में वर्ष 2009 में शुरू की गई वूमन रजिडेंशियल क्रिकेट एकेडमी में अंडर-14 के दौरान ही रेणुका सिंह ने भी एंट्री पा ली। इसके बाद से ही धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में रेणुका पिछले 12 सालों से कड़ी मेहनत की रही हैं, जिसके बदौलत वह महिला गेंदबाजी में स्विंग क्वीन बनकर उभरी हैं। रेणुका ने महज 14 वर्ष की उम्र में ही बॉलिंग एक्शन से गेंदबाजी कोच पवन सिंह को इंप्रेस करके अपने इरादे दिखा दिए थे। रेणुका वर्ष 2009 से 2021 तक लगातार धर्मशाला में अभ्यास करती रही हैं।


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