टीजीटी स्पेशल एजुकेटर रखने का विरोध; विशेष संघ बोला, प्राथमिक स्तर पर हो शिक्षकों की नियुक्ति
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग ने विशेष बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर रखे जाने हैं और इन पदों के लिए केवल टीजीटी को ही मान्य किया गया है। ऐसे में अब इस मामले में विरोध शुरू हो गया है। कारण ये कि इन शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में विशेष शिक्षकों के जो पद भरे जाने हैं उसमें प्राथमिक श्रेणी के शिक्षक या जेबीटी से शुरुआत की जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 23 अक्तूबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया है कि पूरे भारतवर्ष में एक स्पेशल एजुकेटर के नियुक्ति सामान्य स्कूलों में की जाए। इसके साथ ही ये भी कहा गया था कि जिन स्कूलों में विकलांग बच्चे हैं उनकी जनसंख्या के आधार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होगी। आंकड़ों अनुसार राज्य के सरकारी स्कूलों में इस समय करीबन 7224 विशेष बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं लेकिन इन विशेष बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के तहत अभी तक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करवाई गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक स्तर पर जेबीटी विशेष शिक्षक रिक्त पदों को 1:10 के अनुसार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं टीजीटी स्पेशल एजुकेटर के नियुक्ति 1:15 के अनुसार रखने के आदेश जारी किए हैं। शिक्षक संघ का कहना है कि सबसे ज्यादा विकलांग बच्चे प्राथमिक स्तर के ही है। इस प्रकार सबसे पहले प्राथमिक स्तर पर ही विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करवाई जानी चाहिए।
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