भूकंप से दहले तुर्की-सीरिया; दोनों देशों में 2700 से ज्यादा मौतें, मरने वालों का आंकड़ा बढऩे की आशंका

By: Feb 7th, 2023 12:08 am

अल सुबह 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली झटकों ने पलभर में जमींदोज की 1700 इमारतें * दोनों देशों में 2700 से ज्यादा मौतें * मरने वालों का आंकड़ा बढऩे की आशंका * कई शहरों में लगे लाशों के अंबार

एजेंसियां — अंकारा

सोमवार अल सुबह 7.8 तीव्रता के जोरदार झटकों ने तुर्की (नया नाम तुर्किये) और सीरिया को बुरी तरह हिला डाला। चंद सेकंड में ही 1700 से ज्यादा इमारतें जमींदोज हो गईं और दोनों देशों में 2700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। भूकंप का केंद्र तुर्की का गाजियांटेप शहर था और सबसे ज्यादा तबाही यहीं और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी गई। तुर्की में शुरुआती आंकड़ों अनुसार 1498 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 5385 लोगों के घायल होने की खबर है।

सीरिया में भी हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। यहां पर मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच चुकी है। तुर्की के सरकारी मीडिया के अनुसार पहला झटका स्थानीय समय के अनुसार सुबह करीब तीन बजे 7.8 तीव्रता का था और दूसरा करीब 10 बजे। दूसरे की तीव्रता 7.6 मानी गई। इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता 6.7 से 6.5 रही। इसके बाद एक और बड़ा झटका शाम के समय आया। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है। गौरतलब है कि भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि देखते ही देखते बड़ी-बड़ी बिल्डिंग जमींदोज हो गईं। भूकंप के ये झटके भोर के वक्त आए, जब बहुत से लोग नींद के आगोश में थे और उन्हें घर से बाहर निकलने या संभलने का जरा सा भी मौका नहीं मिला।

यही वजह है कि मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। जानकारी के मुताबिक तुर्की के करीब 10 शहरों में भूकंप ने बहुत जबरदस्त असर डाला है। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में एमर्जेंसी लागू कर दी गई है। सीरिया में भी हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। सीरिया के विभिन्न शहरों, अलेप्पो, टार्टस, हामा वगैरह में भारी तबाही का समाचार है और कई जगह लाशों के अंबार लग गए हैं। बताया जा रहा है कि अब भी बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। इसलिए मौतों का आंकड़ा भी और ज्यादा बढ़ सकता है।

3.00

तुर्की में 7.8 की तीव्रता का पहला झटका सोमवार तडक़े करीब तीन बजे आया, जब लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। उन्हें संभलने का भी मौका नहीं मिला। इसके बाद दो और बड़े झटके आए और तबाही को और ज्यादा बढ़ा दिया। बड़े झटकों के बाद यहां छोटे-छोटे 78 झटके भी महसूस किए गए।

सौ साल बाद तुर्की में इतना खतरनाक भूकंप 10000 लोगों की जा सकती है जान

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार को पार कर गई है और यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। यूएसजीएस ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी।

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, एनडीआरएफ मेडिकल टीम और डॉग स्क्वाड भेजेगा

नई दिल्ली। भूकंप की तबाही झेल रहे तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। तुर्की सरकार के समन्वय से राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफऔर चिकित्सा दलों को भेजने की तैयारी की जा रही है। स्पेशल रेस्क्यू टीम में प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड और जरूरी उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं।


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