जयपुर बम ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाने वाले चारों दोषी बरी

By: Mar 30th, 2023 12:02 am

जयपुर बम ब्लास्ट केस में हाई कोर्ट ने फैसला पलटा

एजेंसियां — जयपुर

राजस्थान की हाई कोर्ट ने जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में सभी चार दोषियों को बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में डेथ रेफरेंस सहित दोषियों की ओर से पेश 28 अपीलों पर फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने चारों के डेथ रेफरेंस खारिज कर दिए हैं। इससे पहले पहले चारों आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फांसी के सजा के फैसले को बदल दिया है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दोषियों की अपील को मंजूर करते हुए उनके पक्ष में राहत भरा फैसला सुनाया है। राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने मामले के दोषी एक नाबालिग का मामला किशोर बोर्ड को भेजा है। बाकी सभी अभियुक्तों को बरी किया। इससे पहले साल 2019 में जयपुर की निचली अदालत ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में फैसला सुनाते हुए इस मामले के चार आरोपियों को दोषी माना था। आरोपियों को यूएपीए के तहत अलग-अलग धाराओं में दोषी माना गया था।

455 स्कूलों में टीचर नहीं

हिमाचल में इस समय 3148 सरकारी स्कूल सिंगर टीचर के सहारे चल रहे हैं। दो साल पहले इनकी संख्या 1993 थी। नई भर्तियां समय पर न होने के कारण ऐसा हो रहा है। यह जानकारी विधानसभा प्रश्नकाल के समय शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दी है। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने अपने चुनाव क्षेत्र में बिना टीचर चल रहे स्कूलों की जानकारी मांगी थी। जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 20 मिडल स्कूल और आठ प्राथमिक स्कूल बिना रेगुलर स्टाफ चल रहे हैं।

हटाएंगे खराब मशीनरी

लोक निर्माण विभाग सडक़ किनारे खड़ी मशीनरी को अब जल्द ही हटाएगा। इन मशीनों का निपटारा करने के लिए इन्हें नीलाम किया जाएगा। यह बात लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग जेसीबी और डोजर समेत अन्य भारी मशीनों को समय के अनुसार बदलता रहता है। इस संबंध में सवाल इंद्र दत्त लखनपाल और डॉ. जनकराज ने पूछा था। इसके लिखित जवाब
में विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सडक़ किनारे खड़ी मशीनों को अब हटाने का प्रयास तेज किया जाएगा।

वनों में रोपे जा रहे पौधे

वनों को आग से बचाने के लिए अब वन विभाग मिश्रित प्रजाति के पौधों को लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें पौधरोपण के दौरान 25 फीसदी पौधे अलग-अलग प्रजाति के लगाए जा रहे हैं। इनमें बियूल, लसूरा, आंवला, काफल, चूली, दाड़ू, कैंथ, जामुन, नाख, पाजा, शेगल, अखरोट, कचनार, शीशम, बेहड़ा, हरड़, फेगड़ा, खडक़, मलबरी, मौहरू, खरशू सहित अन्य पौधे शामिल हैं। इन पौधों की मदद से वनों में जानवरों को फल मिलेंगे। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के जवाब में लिखित तौर पर कही है।

शिक्षकों के लिए नीति नहीं

प्रदेश भर में आउटसोर्स के तौर पर स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों की तैनाती की गई है। समूचे प्रदेश में इस समय 1323 कम्प्यूटर शिक्षक हैं। इनके लिए राज्य सरकार फिलहाल कोई भी नई नीति बनाने पर विचार नहीं कर रही है। यह बात शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधायक यादविंद्र गोमा के सवाल के जवाब में कही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में इन कम्प्यूटर शिक्षकों को तैनात किया गया है। जयसिंहपुर में सात आउटसोर्स कम्प्यूटर शिक्षकों को तैनात किया गया है, लेकिन इनके लिए स्थायी नीति बनाने का विचार नहीं है।

सडक़ों का निर्माण फंसा

चंबा सदर में मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 11 सडक़ों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। राज्य सरकार ने 42 सडक़ों को मंजूरी दी है। इनमें से आठ सडक़ों का निर्माण कार्य अभी तक पूरा हो चुका है, जबकि 22 का निर्माण चल रहा है। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विवाद खत्म होने के बाद इन सभी सडक़ों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में चंबा सदर के विधायक नीरज नैय्यर ने सवाल पूछा था। विक्रमादित्य सिंह ने लिखित जवाब में कहा है कि इन मार्गों के लिए बजट का उचित प्रावधान किया जाएगा।

सिंगल विंडो रिप्लेस होगी

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने जयराम ठाकुर की अनपूरक सवाल के जवाब में कहा कि सभी राज्य सरकारें औद्योगिक निवेश के लिए कोशिश करती हैं और पूर्व सरकार ने भी इन्वेस्टर मीट और रोड शो के जरिए ऐसी कोशिश की थी। हमारी सरकार भी औद्योगिक निवेश के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को रिप्लेस करने जा रही है। इसकी जगह इन्वेस्टमेंट ब्यूरो अलग से बनाया जा रहा है। उद्योगपतियों के लिए सभी तरह की जरूरी मंजूरियां अब अब इन्वेस्टमेंट ब्यूरो के माध्यम से मिलेंगी और संबंधित विभागों के लिए इसकी टाइमलाइन तय होगी। यहां तक की धारा 118 के तहत दी जाने वाली मंजूरी को भी समयबद्ध किया जाएगा।


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