तिब्बत जाएंगे बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा, परमपावन ने चीन यात्रा के भी दिए संकेत
इसी साल जाने की जताई इच्छा
सुनील समियाल-मकलोडगंज
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने इसी वर्ष तिब्बत जाने की इच्छा जताई है। इतना ही नहीं, परमपावन ने चीन यात्रा के भी संकेत दिए हैं। दलाईलामा ने निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेंपा सेरिंग से मुलाकात के दौरान इसी वर्ष अपनी उक्त इच्छाओं और तिब्बत के भविष्य को लेकर दिल खोलकर बात की है। उसमें ही उन्होंने चीन व तिब्बत की यात्राएं करने को लेकर भी बात कही है। इस बात को तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेंपा सेरिंग ने सीटीए की ओर से आयोजित शहीदों के सम्मान में प्रार्थना सभा के दौरान कार्यक्रम में सांझा किया। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने हाल ही में अपनी टिचिंग के दौरान कहा था कि चीन में भी बौद्ध धर्म व्यापत था, और एक बार फिर से चीन में बौद्ध धर्म के अनुयायियों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में धर्मगुरु की ओर से चीन और तिब्बत जाने की इच्छा को लेकर तिब्बत पर आधिपत्य जमाने वाले और दलाईलामा की मान्यता पर सवाल उठाने वाले चीन का ये बात फिर से अखर सकती है।
सिक्योंग पेंमा सेरिंग ने परमपावन दलाईलामा से हाल ही में व्यक्तिगत रूप से मुलाकात के दौरान बताए गए शुभ भविष्यवक्ता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि परम पावन ने शुभ भविष्यवाणी का उल्लेख किया जो इस वर्ष को तिब्बत और चीन की यात्रा करने की उनकी चिरस्थायी इच्छा के लिए अनुकूल और आशापूर्ण होने का संकेत देता है। इसी तरह, परम पावन ने इस वर्ष तिब्बत की यात्रा करने की गहरी इच्छा व्यक्त की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आयुक्त कर्मा दादुल, अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल, सिक्योंग पेंपा सेरिंग, न्याय आयुक्तों, कलोंस और सीटीए के वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व में प्रार्थना सेवा में भाग लिया। आठ मार्च, 1989 को, चीनी सरकार ने हजारों शांतिपूर्ण तिब्बती प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए मार्शल लॉ लगा दिया, जिसमें भिक्षु, नन और आम लोग शामिल थे, जो चीनी अधिकारियों के विरोध में सडक़ों पर उतरे थे।
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