एनजीओ फेडरेशन चुनाव पर घमासान
एक पक्ष ने किया ऐलान, बजट सत्र के बाद होंगे कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन के चुनाव
विशेष संवाददाता-शिमला
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन एनजीओ फेडरेशन में घमासान मचने वाला है। एनजीओ फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष को लिखी चिठ्ठी का जवाब न मिलने के बाद एक पक्ष ने चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। चुनाव की प्रक्रिया बजट सत्र खत्म होते ही शुरू हो जाएगी। इस कड़ी में अध्यक्ष को लिखे गए पत्र को आधार बनाया गया है। इस पत्र में 15 दिन में चुनाव की तारीख तय करने की बात कही गई थी। लेकिन एनजीओ फेडरेशन अध्यक्ष की तरफ से कोई जवाब न मिलने के बाद दूसरे पक्ष ने तारीख का ऐलान कर दिया है। गौरतलब है कि छह अप्रैल को बजट सत्र खत्म हो रहा है। इसके बाद राज्य में कर्मचारी चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती हुईं नजर आएंगी। जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एलडी चौहान ने कहा कि पूर्व मान्यता प्राप्त एनजीओ फेडरेशन का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसके बाद संवैधानिक तरीके से प्रदेशाध्यक्ष को पत्र दिया गया और उनसे 15 दिन के भीतर चुनाव की घोषणा करने का आह्वान किया गया है। इसमें विफल हो जाने पर स्वतंत्र तौर पर अपने स्तर पर चुनाव करवाने की भी बात कही गई।
प्रदेशाध्यक्ष इस प्रक्रिया पर कोई भी कार्यवाही करने में विफल रहे जिस पर दोबारा पत्र दिया और अपने स्तर पर स्वतंत्र तौर पर चुनाव करवाने की घोषणा की। मामले की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक को भी भेज दी गई है। चौहान ने कहा कि इस मर्तबा एक ऐसे महासंघ का गठन किया जाएगा। जिसमें हर दल की सरकार में कर्मचारियों के मुद्दों को उठाने वाले कर्मचारी नेताओं के हाथों में कमान सौंपी जाएगी। चौहान ने कहा कि एनजीओ फेडरेशन की मान्यता का रोल सीधा-सीधा मुख्यमंत्री से रहता है ऐसे में मुख्यमंत्री को इस मर्तबा पूरी जांच-परख के बाद ही मान्यता देनी चाहिए। चौहान ने कहा कि इस बार एनजीओ फेडरेशन का कोई गुट नहीं होगा। सिर्फ एक फेडरेशन होगी, जिसके गठन की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा करते हुए सभी आगे बढ़ रहे हैं और चुनी हुई विभागीय इकाइयों सहित अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ मिलकर विधानसभा सत्र के बाद चुनाव के शेड्यूल और आगामी रणनीति की सार्वजनिक घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि एनजीओ फेडरेशन में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा।