देसी इलाज के चक्कर में न पडें, टांडा ले आएं मरीज

By: Mar 22nd, 2023 12:02 am

जानलेवा रोग से हर मिनट रोगी की जा रही जान, समय पर अस्पताल पहुंचने से बच सकती है मरीज की जिंदगी

पंकज राणा- टीएमसी
डॉ राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में अधरंग के अटैक से ग्रस्त मरीज के समय पर अस्पताल पहुंचने पर जल्द ठीक किया जा सकता हैं। अधरंग रोग आज के समय में एक घातक व जानलेवा रोग बनता जा रहा है। पुरे विश्व में 6 लोगों में से 1 व्यक्ति इस अधरंग की बिमारी का शिकार बन रहा है। भारत में हर एक मिनट में एक अधरंग के मरीज की मौत हो रही है। पूरी जानकारी के अभाव व लापरवाही के कारण अधिकतर लोग इस अधरंग जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।टांडा अस्पताल के न्यूरॉलाजी के एच ओ डी विशेषज्ञ डी एम व एम डी डॉक्टर अमित भारद्वाज ने बताया कि लकवे यानि अधरंग के अटैक से ग्रस्त मरीज को समय रहते अगर 4 घण्टे के अन्दर टांडा अस्पताल में पहुंचा दिया जाए तो उसकी पूरी तरह से रिकवरी हो सकती है और मरीज पूर्णतया स्वस्थ हो सकता है। ज्यादातर गांव से आने वाले मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचने में बहुत देरी कर देते हैं और देसी ईलाज के चक्कर में पड़ जाते हैं और समय को बर्बाद कर देते हैं कुछ गांव लोगों का मिथ तो ऐसा हैं की अधरंग के मरीज धरती के संपर्क में नहीं आना चाहिए लेकीन ऐसा कुछ भी नहीं होता है ।

समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण मरीज की हालत और बिगड़ जाती है जिसके कारण इलाज के बाद वे पूर्णतया स्वस्थ नहीं हो पाते हैं अगर लकवे के मरीज व उनके परिवार वाले थोड़ी सतर्कता बरतें और मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी रिकवरी के चांस बहुत अधिक बढ जाते हैं और भविष्य में भी लकवे के अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है। उन्होंने आगे बताया की अगर अधरंग या लकवे के अटैक के 4 घण्टे के अन्दर मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसे थार्मोलेटिक थेरेपी के अन्तर्गत एक इंजेक्शन लगा दिया जाता है जो इस अटैक को जल्दी नियंत्रित कर लेता है और अटैक के असर को तुरंत खत्म कर देता है यह इंजेक्शन लकवे से ग्रस्त मरीज को अस्पताल में मुफ्त में लगाया जाता है जिसकी ऐसे 40 से 50 हजार कीमत होती है । अगर मरीज को लापरवाही के चलते अस्पताल पहुंचाने में देरी कर दी जाए तो इस इंजेक्शन की रिकवरी की क्षमता कम हो जाती है । लकवे के अटैक में समय का बहुत महत्व है। (एचडीएम)

मधुमेह की नियमित करवाएं जांच
शुगर की नियमित जांच करवाते रहें। बी पी की भी नियमित जांच करवाते रहें। बी पीकी दवाई रेगुलर लेते रहें। फैट व जंक फूड से परहेज करें। भारत के सभी सरकारी अस्पतालों में जहां सीटी स्कैन की सुविधा है वहां पर अधरंग के मरीजों का मुफ्त में ईलाज की सुविधा है।

ये हैं अधरंग के अटैक के लक्षण
लकवे के अटैक को व्यक्ति इस तरह से पहचान सकता है । लकवे के अटैक के समय व्यक्ति की एक साइड कमजोर हो जाती है मुंह का टेढ़ा हो जाता है हाथ व पांव का काम ना करना आवाज का बंद हो जाना या थरथरा जाना खतरे का संकेत है।


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