IPH : आईपीएच में पांच हजार नई नियुक्तियां, पेयजल-सिंचाई-सीवरेज स्कीमों में मिलेगी तैनाती

विशेष संवाददाता— शिमला
राज्य सरकार जलशक्ति विभाग में पांच हजार नए पद भरेगी। पेयजल, सिंचाई और सीवरेज स्कीमों में इन कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार जल परीक्षण के लिए सभी पंचायतों में ग्राम जल स्वच्छता समिति से प्रशिक्षित महिलाओं को मानदेय मुहैया करवाएगी। इस दौरान 50 जल नमूनों के परीक्षण और परिणाम अपलोड करने के लिए 3300 रुपए प्रति पंचायत बतौर प्रोत्साहन राशि दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ पेयजल के लिए सरकार प्रयासरत है और इसमें प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं की मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में देरी न हो, इसके लिए मध्यस्तता के क्लॉज को हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 24 घंटे पानी के लिए भविष्य में वाटर रेगुलेशन एंड मैनेजमेंट बिल लाएगी। चरणबद्ध तरीके से चौबीस घंटे पानी उपलब्ध करवाने पर काम किया जाएगा। इसकी शुरूआत नदी या डैम के किनारे बसी नगर परिषद या नगर पंचायतों से होगी। परिणाम सही पाए जाने के बाद इसे अपग्रेड कर दूसरी जगहों पर भी लागू किया जाएगा।
फिल्टर होकर घर आएगा पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाना उनकी प्राथमिकता है। प्रदेश में जहां कुएं या झरने को पेयजल स्रोत बनाया गया है, उनमें सरकार अब फिल्टर यूनिट स्थापित करेगी। पूर्व में पेयजल को स्वच्छ बनाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल होता था। उसका इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से होगा। राज्य सरकार इस पूरी योजना पर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
पालमपुर-मनाली में सुधरेगी पेयजल व्यवस्था
प्रदेश सरकार पांच शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग में स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण करेगी। इसके अतिरिक्त मनाली और पालमपुर में पेयजल आपूर्ति का सुधार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना पर एएफडी बैंक के माध्यम से इस परियोजना पर लगभग 817 करोड़ खर्च किए जाएंगे। प्रदेश सरकार भविष्य में भू-जल और प्राकृतिक जलस्रोतों पुनर्जीवित करेगी। राज्य सरकार भूजल संग्रहण के माध्यम से भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी।