Himachal News: जस्टिस तरलोक सिंह चौहान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष

By: Mar 30th, 2023 12:08 am

सरकार के विधि विभाग ने जारी की अधिसूचना

राज्यपाल ने तुरंत प्रभाव से की तैनाती

कुलभूषण खजूरिया — शिमला

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को एक बार फिर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। राज्य सरकार के विधि विभाग ने बुधवार को इस बारे अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राज्यपाल ने जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की नियुक्ति तुरंत प्रभाव से की है। नौ जनवरी, 1964 को रोहड़ू में जन्मे न्यायाधीश चौहान की शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। इस दौरान स्कूल के कैप्टन भी रहे। डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने व लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून की सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड व राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने।

हाइडल प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सडक़ निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाई कोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 23 फरवरी, 2014 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के बाद 30 नवंबर, 2014 को हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए और आज तक के कार्यकाल के दौरान इन्होंने 62261 मामलों का निपटारा कर दिया, जिनमें कई अहम व ऐतिहासिक निर्णय भी सुनाए गए। उन्होंने 5 मई, 2014 से हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल-बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वसन शिमला, हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया।

विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी, 2020 से 23 फरवरी, 2020 तक ‘न्यायपालिका और बदलती दुनिया’ विषय पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वह तीन उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई, 2019 तक रोमानिया में आयोजित ‘बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार’ पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अंतरराष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वह हाई कोर्ट से ऐसे पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में आयोजित किसी ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया है। श्री चौहान 12 नवंबर, 2016 से गवर्निंग काउंसिल और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे। 18 नवंबर, 2018 से 13 मार्च, 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाई कोर्ट में कम्प्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख के कारण हाई कोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण ने नई ऊंचाइयों को बढ़ाया।

अब इन मामलों की जानकारी प्राप्त करने के अलावा अधिवक्ता वादकर्ता विभिन्न अन्य सेवाओं तक भी पहुंच बना सकते हैं। वहीं अदालतों में उठाए गए मामलों की वर्तमान स्थिति, एसएमएस और ई-मेल सुविधा को डिस्प्ले बोर्ड न्यायिक अधिकारियों के साथअधिवक्ताओं, रजिस्ट्री की शाखा में ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर के कार्यान्वयन, रिपोर्टों की पीढ़ी के लिए सतर्कता सॉफ्टवेयर, योग्यता संस्था की स्थापना, निपटान और विभिन्न श्रेणियों के मामलों की पेंडेंसी अन्य विभागों के साथ लंबित मामलों पर नजऱ रखने को सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। (एचडीएम)


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