आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 11250 फिक्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 9500 आशा वर्कर को 5200

मेयर को 20 हजार और पंचायत प्रधान को छह हजार मानदेय, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 9500 आशा वर्कर को 5200
प्रदेश के बजट में जन नुमाइंदों अस्थायी कर्मियोंं पर धनवर्षा
विशेष संवाददाता — शिमला
राज्य सरकार का पहला बजट शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नुमाइंदों के साथ कर्मचारियों के बहुत बड़े वर्ग को राहत लेकर आया है। राज्य सरकार ने बजट में कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 500 से 5000 रुपए तक की गई है। सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय 11 हजार 250 रुपए फिक्स कर दिया है, जबकि दिहाड़ी में 25 रुपए की बढ़ोतरी कर इसे 375 रुपए किया गया है। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में 500 रुपए प्रतिमाह की भी बढ़ोतरी का फैसला किया है। आईटी शिक्षकों के वेतन में दो हजार रुपए मासिक की बढ़ोतरी की गई है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात एसपीओ के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी आशा वर्कर और मिड-डे मील वर्कर के मानदेय में भी बढ़ोतरी का फैसला लिया है। नगर निगम के महापौर को अब 20 हजार और उपमहापौर को 15 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। दोनों के मानदेय में पांच-पांच हजार की बढ़ोतरी हुई है। पंचायत प्रधान को छह हजार रुपए मानदेय अब मिलेगा। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 9500 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 6600 रुपए, सहायिका और आशा वर्कर को 5200 रुपए मानदेय दिया जाएगा।