विरशु मेले में चले प्रेम के तीर
बालकृष्ण शर्मा, सैंज
जिला कुल्लू के सचाणाी में शुक्रवार को ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का विरशु मेला संपन्न हुआ, जिसमें कुल्लू व मंडी जिला के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे हजारों लोगों ने शिरकत की। महाभारत काल से मनाए जा रहे इस धार्मिक मेले में धनुष-बाण का खेल तीरंदाजी तथा महिलाओं की नाटी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। आदिकाल से मनाए जा रहे इस धार्मिक उत्सव में तीरंदाजी प्रतियोगिता में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहते हैं। धनुष-बाण कि इस प्रतियोगिता में दो समुदायों में तीरंदाजी के पीछे मान्यता है कि इससे दो समुदायों में आपसी प्रेम व सद्भावना बनी रहे, इसलिए इस तीरंदाजी को लड़ाई ना मानकर खेल समझकर खेल की भावना से खेलते हैं। राजनीति दलगत व जातिवाद से ऊपर उठकर इस धार्मिक उत्सव में पंचायत के लोग सद्भावना से विरशु मेले को मनाते आ रहे हैं। इस बिरशु मेले में सैकड़ों महिलाओं की नाटी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
दिव्य हिमाचल से देव समाज से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि इस मेले को सदियों से मनाया जाता है। भगवान गर्गाचार्य तमाम श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जबकि हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन खाली हाथ कोई नहीं लौटता है। हालांकि इस उत्सव में देवता का बीठ भी मनाया जाता है किंतु उसका तीसरे साल आयोजन होता है। देवता के पुजारी जीवन प्रकाश शर्मा, उत्तम राम कायथ, गर्गाचार्य के गूर गुलाब चंद ठाकुर ने बताया कि गौरवशाली इतिहास समेटे भगवान गर्गाचार्य का एक दिन हमारे लिए एक वर्ष के समान होता है इस दिन को हम पूर्ण रूप से आनंद में बिताते हैं। वही देवी देवता से संबंधित अनेक कार्यक्रम इस बैसाखी मेले में दर्शन को मिलते हैं। मेले को सफल बनाने के लिए ग्राम पंचायत सचानीए युवक मंडल, महिला मंडल तथा कई संस्थाओं ने सहयोग दिया।
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