घुमारवीं का मिनर्वा शिक्षण संस्थान तराश रहा देश का भविष्य

By: Apr 21st, 2023 12:02 am

20 साल में 150 से ज्यादा डाक्टर, 100 से ज्यादा आईआईटी-एनआईटी इंजीनियर दे चुका है प्रतिष्ठित संस्थान

हिमाचल, हिमाचली और हिमाचलीयत की सेवा करने के साथ देश-दुनिया में नाम कमाने वालों का ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ दिल की गहराइयों से सम्मान करता है। प्रदेश व समाज के लिए किसी भी रूप में कुछ हटकर करने वालों को सम्मान हमारी प्राथमिकता में शामिल है। ऐसी ही प्रतिष्ठित विभूतियों, संगठनों व संस्थाओं के प्रयासों को प्रणाम करने का एक जरिया है ‘दिव्य हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड। इस बार ‘दिव्य हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड-2023’ की ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान’ श्रेणी में शुमार है बिलासपुर जिला के घुमारवीं का मिनर्वा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल…

नाम : प्रवेश चंदेल
जन्म : 31 अक्तूबर, 1973
स्थान : सलासीं (गेहड़वीं)
पिता : स्व. सुखदेव चंदेल
शिक्षा : एमकॉम, एमएड

नाम : राकेश चंदेल
जन्म : 7 मार्च, 1976
स्थान : सलासीं (गेहड़वीं)
पिता : स्व. सुखदेव चंदेल
शिक्षा : एमएससी, फिजिक्स बीएड

राज कुमार सेन — घुमारवीं
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं का शिक्षण संस्थान मिनर्वा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल दो सगे भाइयों की मेहनत व तजुर्बे से देश का भविष्य तराश रहा है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं की टॉप टेन मैरिट की बात हो या फिर किसी भी क्षेत्र में मुकाम हासिल करने की बात हो, हर जगह मिनर्वा संस्थान के तराशे हीरों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। मिनर्वा स्कूल बोर्ड की परीक्षाओं में हर साल 8 से 10 टॉपर दे रहा है। 2003 से खुले इस स्कूल के 163 बच्चों ने अब तक मैरिट में नाम अंकित करवाया है, जबकि 20 साल के अल्प समय में ही स्कूल ने 150 से ज्यादा डाक्टर तथा 100 से ज्यादा इंजीनियर देश व प्रदेश को दिए हैं। दो एचएएस, एक सिविल इंजीनियर मिलिट्री नर्सिंग सर्विसज में 10 से ज्यादा, एनडीए में 15 से ज्यादा, फिल्म इंडस्ट्री में तीन तथा स्पोट्र्स में 20 से अधिक नेशनल खिलाड़ी देने के अलावा इसरो को एक साइंटिस्ट दे चुका है। इसके अलावा नेशनल साइंस कंपीटीशन के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, नेशनल साइंस कांग्रेस इंस्पायर मॉडल कंपीटीशन तथा एनसीईआरटी में भी स्कूल के मेधावी बच्चों ने नाम चमकाया है। जानकारी के मुताबिक घुमारवीं में वर्ष 2003 में मिनर्वा स्कूल की स्थापना हुई।

2003 से 2005 तक स्कूल में जमा एक तथा जमा दो साइंस की कक्षाएं शुरू कीं। 2005 से स्कूल में यूकेजी से जमा दो की कक्षाएं शुरू कीं। शुरू में 89 बच्चे ही स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन अब यह संख्या दो हजार तक पहुंच चुकी है। घुमारवीं में खुले मिनर्वा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में हिमाचल प्रदेश से ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों से भी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल में बच्चों को होस्टल की सुविधा भी है। मिनर्वा स्कूल के मेधावी बच्चों ने शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि हर फील्ड में नाम चमकाया है। पढ़ाई से लेकर खेलों में स्कूल के बच्चों ने चमक बिखेरी है। मेहनती शिक्षकों व तजुर्बे की बदौलत मिनर्वा स्कूल आज प्रदेश के टॉप स्कूलों में शुमार है। पढ़ाई का बेहतरीन माहौल के लिए विख्यात घुमारवीं के मिनर्वा स्कूल में हिमाचल प्रदेश से ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों से भी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों का पर्याप्त स्टाफ के साथ बच्चों को आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा भी है। आधुनिक लैब्स व स्कूल में स्मार्ट क्लासिज से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। (एचडीएम)

16 बच्चों को फ्री शिक्षा

आरटीई एक्ट के तहत बच्चों को शिक्षा देने के अलावा भी मिनर्वा स्कूल 16 बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहा है। ये बच्चे गरीब वर्ग से संबंधित हैं तथा अपनी पढ़ाई की फीस चुकाने में असमर्थ हैं। इन बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए स्कूल प्रबंधन इन्हें मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहा है, जबकि आरटीई एक्ट के तहत स्कूल में पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटें निर्धारित हैं।

अभिभावकों का विश्वास

प्रवेश चंदेल व राकेश चंदेल का कहना है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास ही उनका ध्येय है। स्कूल के बच्चे हर क्षेत्र में नाम चमका रहे हैं। स्कूल को बुलंदियों तक पहुंचाने का श्रेय शिक्षकों, बच्चों व प्रबंधन की अथक मेहनत को जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए बच्चों के अभिभावकों के विश्वास का भी विशेष योगदान है। सफलता की इस सीढ़ी के लिए मिनर्वा से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति व परिवार बधाई का पात्र है।


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