जर्मनी की मंदी करेगी प्रभावित, भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिख सकता है व्यापक असर

By: May 29th, 2023 9:30 pm

एजेंसियां-नई दिल्ली

यूरोप का विकास इंजन कहे जाने वाले जर्मनी ने मंदी के दौर में प्रवेश किया है। जर्मनी को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भी पहचाना जाता था। जर्मनी के 2023 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल की चौथी तिमाही में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। जर्मनी में सकल घरेलू उत्पाद में दो तिमाहियों से गिरावट हो रही है। इस वजह से अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आ गई है। इसके चलते जर्मनी में मंदी का दौर शुरू हो गया है। जर्मनी की इकोनॉमी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।

देश में पिछले दो तिमाहियों से घरेलू उत्पाद में गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2023 के पहली तिमाही महीने में 1.2 फीसदी का गिरावट देखने को मिली है। इसी के साथ सरकारी खर्च में भी 4.9 फीसदी की गिरावट हुई है। गुरुवार को जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने कहा कि घरेलू उत्पाद के आंकड़ों ने आश्चर्यजनक रूप से नकारात्मक संकेत दिखाए हैं। अर्थव्यवस्था में विकसित देशों की तुलना में जर्मनी की अर्थव्यवस्था पिछड़ती नजर आ रही है। देश अपने औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को स्थायी रूप से पूरा करने में भी विफल रहा है। इसी के साथ देश में रूसी ईंधन की भी आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। देश में राजनीतिक और व्यापारिक वर्ग को भी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि स्कोल्ज प्रशासन ने 2030 तक 625 मिलियन सौर पैनल और 19ए000 पवन टर्बाइन स्थापित करने की योजना तैयार की है।


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