नया संसद भवन : 60 हजार श्रमिकों की मेहनत साकार, देखें भवन के भीतर का मनमोहक नजारा

By: May 26th, 2023 12:08 am

संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी…

देश के संसद भवन की नई इमारत बनकर तैयार है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बिल्डिंग का उद्घाटन करने वाले हैं। इस दिन नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 97 वर्षों के बाद देश की दशा और दिशा नए संसद भवन से तय होगी। 1927 में बना मौजूदा संसद भवन तब संग्रहालय में सीमित हो जाएगा। ब्रिटिश राज में बना संसद भवन 97 वर्षों तक भारत के राजनीतिक इतिहास का गवाह बना और अब वह बूढ़ा हो चुका है। इमारत कमजोर हो गई है और सुविधाएं कम पड़ गई हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन नींव रखी और अब वह बनकर तैयार है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर तैयारियां जोरों पर है। समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार की गई है। सभी सांसदों और प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले 60,000 श्रमिकों को सम्मानित भी करेंगे।

1,200 करोड़ की लागत से तैयार

नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च आया है। नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस ने तैयार की है, जबकि निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है। एचसीपी डिजाइन के पास गुजरात के गांधीनगर में सेंट्रल विस्टा और राज्य सचिवालय, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफं्रट डिवेलपमेंट, मुंबई पोर्ट कॉम्प्लेक्स, वाराणसी में मंदिर कॉम्प्लेक्स के रीडिवेलपमेंट, आईआईएम अहमदाबाद के नए कैंपस के डिवेलपमेंट जैसे कामों का पहले से अनुभव है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का है हिस्सा

संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था। नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सडक़ का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं। संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था।

भविष्य की जरूरतों का ध्यान

पुराने संसद भवन में लोकसभा के लिए 543 सीटें, जबकि राज्यसभा के लिए 250 सीटें हैं, जबकि नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा की क्रमश: 888 और 384 सीटें हैं। संसद के संयुक्त सत्र के लिए पुराने भवन के केंद्रीय कक्ष का इस्तेमाल हुआ करता है, लेकिन नए भवन में संयुक्त सत्र का आयोजन लोकसभा हॉल में होगा, जिसमें 1,272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। नया संसद भवन चार मंजिला है, जबकि पुराने संसद भवन में तीन मंजिल है।

2020 में शुरू हुआ था काम

लोकसभा तथा राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था।  इसके बाद 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया। शलान्यास समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों और विभिन्न देशों के राजदूतों ने भाग लिया। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।

65,000 स्क्वेयर मीटर में बनी बिल्डिंग

नई संसद की बिल्डिंग लगभग 65,000 स्क्वेयर मीटर में बनी है। खूबसूरत इमारत के आसपास हरियाली देखने को मिलेगी।

तिकोना है आकार

नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है।

इसलिए पड़ी बनाने की जरुरत

सदन का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है। इसके दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था, इसलिए नए संसद भवन के निर्माण की जरूरत पड़ी।

संविधान हॉल बेहद खास

नई संसद की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। ये भवन के बीचोंबीच बना हुआ है। इसके ऊपर अशोकस्तंभ लगा है। कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी।

अहम कामकाज के लिए अलग आफिस

नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग आफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं। कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।


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