नाहन में धूमधाम से मनाई गई ईद-उल-अजहा

By: Jun 30th, 2023 12:55 am

अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने मुबारकबाद के साथ अमन चैन की दुआ की
दिव्य हिमाचल ब्यूरो – नाहन
हिमाचल प्रदेश ही नहीं अपितु देश भर में आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करने वाले सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में गुरुवार को ईद-उल-अजहा का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई सभी धर्मों के लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी तथा आपस में दिन भर दावतों का दौरा चला रहा। देश-प्रदेश सहित जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में भी ईद-उल-अजहा का पर्व गुरुवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ईद के इस पावन पर्व पर नाहन के ईदगाह और कालीस्थान मस्जिद में सैकड़ों की तादात में मुस्लिम वर्ग के द्वारा नमाज अता की गई। एक-दूसरे को गले लगाते हुए मुबारकबाद भी दी गई। गौर हो कि इस्लाम में बकरीद या ईद-उल-अजहा का बहुत महत्त्व होता है।

इस दिन यह पैगाम दिया जाता है कि जो अपने दिल की सबसे करीब वाली वस्तु होती है उसे दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान किया जाता है। इसलिए बकरीद से पहले कुर्बानी के लिए लाए गए बकरे की खूब तवज्जो भी की जाती है। जिसे ईद वाले दिन नमाज अता करने के बाद कुर्बान कर दिया जाता है। गौर हो कि ईद दो तरह की होती है जिनमें से एक रमजान के पवित्र माह में समाप्त होने के बाद ईद-उल-फितर मनाई जाती है। दूसरी ईद-उल-अजहा जिसे भरत में बकरीद कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने में धुल्ल हिज्ज की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा होती है और बड़ी बात तो यह है कि इस महीने में सारी दुनिया से मुस्लिम हज करने के लिए मक्का भी जाते हैं। बकरीद के दिन दी गई कुर्बानी के गोश्त को अपने रिश्तेदारों और गरीबों में बांटा भी जाता है। कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं जिनमें से एक हिस्सा खुद के लिए दूसरा पड़ोसियों और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों में बांटने के लिए किया जाता है।

नाहन में यह पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस ऐतिहासिक शहर में सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारे की हमेशा मिसाल रहे हैं। ईद-उल-अजहा के दिन भी अन्य धर्म के लोगों ने भी मुस्लिम वर्ग के लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी। अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने कहा कि समाज में सबको समानता का अधिकार है। लिहाजा मुस्लिम वर्ग में भी हर खुशी को सबके साथ मिल-जुलकर मनाए जाने की परंपरा है। उन्होंने कहा कि इसलिए ही ईद-उल-अजहा के दिन कुर्बान किए गए बकरे के गोश्त का एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को भी बांटा जाता है। बॉबी अहमद का कहना है कि अल्लाह की नजर में सभी एक समान हैं और सबको अच्छा खाने का अधिकार है। बॉबी अहमद ने सबसे अच्छी बात यह कही कि अब वह समय भी है कि हमें समाज में फैल रही हर बुराई से भी दूर रहना है। आपस का प्यार अमन चैन और भाईचारा बना रहे इसके लिए भी दुआ की जाती है। उधर नाहन के विधायक अजय सोलंकी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, भाजपा के जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता, शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप, शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर, भाजपा के वरिष्ठ नेता बलदेव भंडारी आदि ने ईद के अवसर पर सभी लोगों को नाहन में बधाई दीर्।द-उल-अजहा के दिन भी अन्य धर्म के लोगों ने भी मुस्लिम वर्ग को ईद की बधाई दी।

पांवटा साहिब में धूमधाम से मनाई गई ईद
पांवटा साहिब। पांवटा साहिब में ईद-उल-अजहा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। पांवटा स्थित ईदगाह में सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज अता की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी गई। इस मौके पर शांति और भाईचारा रखने की दुआ मांगी गई। इस अवसर पर हाजी इमाम ने सभी नमाजियों को नमाज अता करवाई। बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार बकरीद हर साल जु-अल-हिज्जा महीने के 10वें और रमजान खत्म होने के 70 दिन बाद मनाई जाती है। इस पर्व को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। बकरीद के दिन दी गई कुर्बानी के गोश्त को अपने रिश्तेदारों और गरीबों में बांटा भी जाता है।


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