घोषणा के बाद भी नहीं मिला बढ़ा हुआ मानदेय, मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन ने शिक्षा मंत्री को सुनाया दुखड़ा
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
मुख्यमंत्री द्वारा बजट भाषण में की गई घोषणा के बाद भी अब तक प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील कर्मियों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (संबंधित सीटू) का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला। शिक्षा विभाग की ओर से सरकार द्वारा बजट में घोषित चार हजार वेतन की अधिसूचना अभी तक लागू नहीं की गई है। इसे तुरंत लागू किया जाए। मिड-डे मील वर्कर्ज को प्रतिमाह पहली तारीख को वेतन दिया जाए। मिड-डे मील वर्कर्ज की नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त के चलते प्रदेश में लगभग 8000 से ज्यादा कर्मियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। यूनियन ने मांग की है कि नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त को हटाया जाए और प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो वर्कर्ज को नियुक्त किया जाए। शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जल्द समाधान किया जाएगा।
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