एटिक हैबिटेबल करवाने को लगेंगे 50 हजार
शिमला शहर में एटिक और बेसमेंट के लिए एसीपी रूल्स बदलेंगे, डीसीपी ने जारी किया ड्राफ्ट
राज्य ब्यूरो प्रमुख—शिमला
राजधानी शिमला में भवनों की छत वाली मंजिल यानी एटिक को हैबिटेबल करवाने के लिए लोगों को 50000 से एक लाख रुपए तक शुल्क भी चुकाना होगा। राज्य सरकार ने नगर निगम चुनाव से पहले लोगों से किए वायदे के अनुसार टीसीपी नियमों में संशोधन का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। यह अब तक इन नियमों में 9वां संशोधन होगा। प्रधान सचिव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग देवेश कुमार की ओर से जारी किए गए इस ड्राफ्ट में लोगों से आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए हैं। इसके लिए शहर के लोगों को 30 दिन का वक्त दिया गया है। इस ड्राफ्ट में टीसीपी नियमों के रूल 16 में बदलाव किया गया है। इसमें कहा गया है कि हैबिटेबल एटिक के लिए 40 वर्ग मीटर तक के सरफेस पर 50000 रुपए, 60 वर्ग मीटर तक 75000 रुपए और 100 वर्ग मीटर तक 100000 रुपए की फीस रेजिडेंशियल पर्पज के लिए जमा करवानी होगी। 100 वर्ग मीटर से ज्यादा के क्षेत्र के लिए 1000 रुपए प्रति वर्ग मीटर फीस रहेगी।
रेजिडेंशियल प्रयोग के अलावा किसी भी तरह के प्रयोग के लिए रेट उपरोक्त दरों से 1.6 गुना ज्यादा होगा। इसमें रियल एस्टेट प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। एटिक के लिए 2.1 मीटर क्लियर हाइट ही फ्लोर एरिया रेशो के लिए काउंट की जाएगी। इन नियमों में यह भी कहा गया है कि हैबिटेबल बेसमेंट को इंडिपेंडेंट स्टोरी के रूप में काउंट किया जाएगा। शिमला शहर में भवन निर्माण और डेवलपमेंट प्लान से संबंधित केस हाईकोर्ट, एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद बहुत से लोगों ने बेसमेंट को बंद कर दिया था। अब यह बेसमेंट खोली जा सकेगी। इनका इस्तेमाल पार्किंग के रूप में भी हो सकेगा। 30 दिन तक लोगों की तरफ से आने वाली आपत्तियों पर सुनवाई के बाद सरकार इस मामले में अगला फैसला लेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने नगर निगम चुनाव में लोगों से यह वायदा किया था कि यदि उनका नगर निगम बना तो शहर में भवनों की एटिक और बेसमेंट को भी हैबिटेबल कर दिया जाएगा। उसी के अनुसार अब रूल्स में संशोधन किया जा रहा है।
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