महंगा था हेलीकॉप्टर, सरकार ने नहीं लिया, कैबिनेट ने अब जीएडी को तीसरी बार टेंडर करने को कहा

By: Jun 7th, 2023 6:37 pm

राज्य ब्यूरो प्रमुख-शिमला

शिमला। सुनने में यह बेशक अजीब लगे, लेकिन आजकल हिमाचल सरकार के पास वीवीआइपी ड्यूटी या किसी भी इमरजेंसी के लिए अपना कोई हेलीकॉप्टर नहीं है। दो बार सामान्य प्रशासन विभाग नए हेलीकॉप्टर के लिए टेंडर कर चुका है और अब तीसरी बार टेंडर करने की नौबत आ गई है। वजह यह है कि राज्य सरकार महंगी दरों पर हेलीकॉप्टर नहीं लेना चाहती। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दूसरी बार हुए हेलीकॉप्टर के टेंडर की डिटेल रखी गई थी। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया कि दूसरी बार हुए टेंडर में कुल 3 कंपनियां आई थी, जिसमें दो ने ही क्वालीफाई किया था। राज्य सरकार ने बड़ी और छोटी दोनों कैटेगरी में हेलीकॉप्टर मांगे थे और फिर अपनी जरूरत के अनुसार दो में से एक का चयन होना था। लेकिन टेंडर में रेट ही बहुत ज्यादा आया है। राज्य सरकार वर्तमान में अगस्ता वेस्टलैंड जो छोटा हेलीकॉप्टर यूज कर रही थी। उसका किराया 2.30 लाख रुपए प्रति घंटा पड़ रहा था। नए टेंडर में यह रेट 3.40 लाख रुपए प्रति घंटा आया है।

हिमाचल के पास पूर्व राज्य सरकारों के दौरान पवनहंस या मैस्को जैसी कंपनियों के बड़े हेलीकॉप्टर भी रहे हैं। पिछली बार जब पवन हंस का बड़ा हेलीकॉप्टर राज्य सरकार यूज कर रही थी, तो उसका किराया 4.80 लाख रुपए प्रति घंटा पड़ता था। अब नए टेंडर में इसकी कीमत 5.40 लाख रुपए प्रति घंटा आई है। यानी दोनों ही कैटेगरी में टेंडर में रेट बहुत ज्यादा था। टेंडर की शर्तों के अनुसार 1 महीने में 40 घंटे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना जरूरी है। नहीं तो राज्य सरकार को बिना इस्तेमाल किए भी यह भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में यदि प्रति घंटा नए रेट के हिसाब से कैलकुलेट करें तो करीब 5 करोड रुपए अतिरिक्त भुगतान बन रहा था। इसलिए कैबिनेट की बैठक में यह सहमति बनी कि तीसरी बार टेंडर किया जाए।

सरकार को ही न खरीदना पड़े हेलीकॉप्टर

तीसरी बार हो रहे टेंडर में भी यदि रेट ठीक नहीं मिला तो राज्य सरकार खुद अपना हेलीकॉप्टर खरीद कर सेवाएं शुरू कर सकती है। इसके लिए नया नागरिक उड्डयन निगम बनाना पड़ेगा। कई अन्य राज्यों ने भी ऐसा किया हुआ है। फिलहाल इस बारे में फैसला अब तीसरी बार होने वाले टेंडर के बाद होगा। फिलहाल राज्य सरकार को अपना काम चलाने, किसी इमरजेंसी और वीवीआइपी ड्यूटी के लिए छोटी अवधि के लिए हेलीकॉप्टर लेना पड़ेगा। यह न सिर्फ मुख्यमंत्री या राज्यपाल के टूर में काम आता है, बल्कि बरसात या अन्य तरह की आपदाओं में भी जरूरी है।


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