सीयू का बढ़ता अधिमान गर्व की बात

प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्चतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, यह इस प्रदेश के गरीब, असहाय व मेहनतकश प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का भविष्य बदल सकती है। सीयू के लिए यह गर्व का पल है…

हिमाचल प्रदेश को 15 जुलाई 2009 को केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला था। इस शैक्षणिक संस्थान के खुलने से प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अपनी तालीम अपने ही प्रदेश में पूरा करने का एक अवसर प्राप्त हुआ था। प्रदेश में उच्च शिक्षा की प्राप्ति के बहुत ही कम संस्थान हैं। इस विश्वविद्यालय की स्वीकृति के उपरांत से ही भूमि विवाद के कारण कई वर्षों तक अपने स्थायी निवास की खोज में तड़पता रहा। प्रदेश के दुर्गम, असहाय तथा निर्धन परिवारों से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह विश्वविद्यालय किसी वरदान से कम नहीं था, लेकिन भूमि विवाद के कारण यह विश्वविद्यालय सही तथा व्यवस्थित ढंग से शिक्षा मुहैया करवाने में असमर्थ था। वर्ष 2009 से लेकर 2021 तक यानी 11 वर्षों तक यह विश्वविद्यालय प्रदेश में शिक्षा के उत्थान के लिए कोई ज्यादा काम नहीं कर पाया था। विपरीत परिस्थितियों के इस समय काल में विश्वविद्यालय के विभागों की नींव रखना तथा उनका संचालन करवाना सबसे बड़ी चुनौती था। लेकिन जैसे-तैसे यह विश्वविद्यालय संघर्षकाल में आगे बढ़ता रहा। वर्ष 2021 से इस विश्वविद्यालय को एक दूरदर्शी नेतृत्व प्रो. बंसल के रूप में मिला। पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि 19 जुलाई 2023 को इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा ए प्लस ग्रेड विश्वविद्यालय को मिला है। भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों के गुणवत्ता का निर्धारण के लिए प्रत्येक प्रमुख पैरामीटर पर गौर करके विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिला है। विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बधाई दी।

सीजीपीए ग्रेडिंग सिस्टम के अनुसार रैंकिंग दी जाती है। इसमें अधिकतम सीजीपीए 4 और कम से कम 1.5 रहता है। अगर सीजीपीए 3.26 से 3.50 के बीच है तो विश्वविद्यालय या कॉलेज को ए प्लस ग्रेड मिलता है। इसका मतलब यह है कि वह विश्वविद्यालय या कॉलेज सबसे बेहतर है। परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश का ए प्लस प्राप्त करने वाला पहला संस्थान बन गया है। इसी तरह से सीजीपीए के आधार पर ए प्लस, ए, बी प्लस प्लस, बी प्लस, बी, सी और डी ग्रेड दिए जाते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश आज भी किरायों की बिल्डिंग पर चलता है। फिर भी इस विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिलना प्रदेश की शिक्षा जगत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। यदि इस विश्वविद्यालय के पास अपना स्थायी कैंपस तथा सभी आधारभूत सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो गई होती तो आज यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालयों की श्रेणी में सम्मिलित होता। ए प्लस ग्रेड की यात्रा तथा इस विश्वविद्यालय के भविष्य का विश्लेषण करना समय की मांग बन चुका है। विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिलने के पीछे एक अनुभवी नेतृत्त्व तथा शिक्षाविदों की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। 28 जुलाई, 2021 को इस विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार प्रो. एसपी बंसल ने संभाला। उनके नेतृत्व में यूनिवर्सिटी के लिए अनेक सुविधाएं जुटाई गईं। इस विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले अध्यापक तथा विद्यार्थी अक्सर सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं का रोना रोते रहते थे। लेकिन धीरे-धीरे समस्याओं को सुलझाया गया और आधारभूत आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करवाने में भी प्रो. बसंल की टीम कामयाब हुई।

विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को बैठने के लिए कमरों की व्यवस्था, लाइब्रेरी की सुचारू व्यवस्था, पेयजल तथा शौचालय जैसी आधारभूत आवश्यकताओं में सुधार, उत्कृष्ट जर्नल की पहुंच तथा अनेकों डिजिटल माध्यमों से बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं। किसी भी समस्या से लडऩे या उसे सुलझाने के लिए आपके पास एक प्रबुद्ध, कार्यशील तथा ऊर्जावान टीम का होना अति आवश्यक है। सबसे पहले इस विश्वविद्यालय ने अपने लिए एक सजग तथा कुशल टीम का निर्माण किया जिसमें रजिस्ट्रार प्रो. विशाल सूद, डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर प्रदीप कुमार, परीक्षा संचालक तथा खेल डायरेक्टर प्रो. सुमन शर्मा, प्रो. सुनील कुमार, प्रो. अमरीश महाजन निदेशक आइक्यूएसी, प्रोफेसर रोशनलाल, प्रोफेसर मनोज सक्सेना सहित अनेकों प्रबुद्ध व्यक्तियों की कुशल टीम बनाई। यह टीम बड़े से बड़े आयोजनों को भी बड़ी सरलता तथा सुगमता के साथ सफल बना देती है। राष्ट्रीय स्तर की खेलों का आयोजन हो या अन्य कार्यक्रमों का सफल आयोजन, विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली का एक अभिन्न अंग बन चुका है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोधार्थी व विद्यार्थी भी विश्वविद्यालय के उत्थान में अग्रणी भूमिका सुनिश्चित कर रहे हैं। वर्तमान में यह विश्वविद्यालय तीन कैंपस धर्मशाला, शाहपुर तथा देहरा से अपनी शिक्षा गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है।

ऐसे में इन तीनों कैंपसों में गुणवत्तापूर्ण शोध की प्रणाली का संचालन करवाना एक चुनौती भरा कार्य था, लेकिन समय-समय पर औचक निरीक्षण करके इस विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, शोधार्थियों तथा अन्य विद्यार्थियों में एक अद्भुत कार्यप्रणाली का प्रचलन संचालित करवाने में टीम कामयाब रही। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने भी अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी तथा निष्ठा से करना शुरू किया। औचक निरीक्षण से प्रोफेसर तथा अभ्यर्थियों में पढ़ाई की गतिविधियों को एक नई उड़ान मिली। इन्ही गतिविधियों के कारण यह विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मार्ग को प्रशस्त करने में कामयाब हो पाया है। वर्तमान में प्रो. सत प्रकाश बंसल के पास हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला का अतिरिक्त कार्यभार भी है। दोनों विश्वविद्यालय वर्तमान में शोध के क्षेत्र में अग्रणीय भूमिका सुनिश्चित कर रहे हैं। यह प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए एक अच्छा अवसर माना जा सकता है। आज इन दोनों विश्वविद्यालयों से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की नेट तथा जेआरएफ की परीक्षा को क्वालीफाई करते हैं। प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्चतर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले, यह इस प्रदेश के गरीब, असहाय व मेहनतकश प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का भविष्य बदल सकती है। प्रदेश की 90 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण परिवेश में रहती है। ग्रामीण परिवेश में उच्चतर शिक्षा के प्रति कोई ज्यादा जागरूकता नहीं है। बहरहाल सीयू को ए प्लस ग्रेड मिलना गर्व का विषय है।

कर्म सिंह ठाकुर

स्वतंत्र लेखक


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