कर्म सिंह ठाकुर

प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्चतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, यह इस प्रदेश के गरीब, असहाय व मेहनतकश प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का भविष्य बदल सकती है। सीयू के लिए यह गर्व का पल है...

हिमाचल प्रदेश में पिछले एक दशक से प्राकृतिक आपदाएं बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही हैं। इसके कुछ कारणों का भी पता लगाना समय की सबसे बड़ी मांग बनता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में दो वर्षों में भूस्खलन के मामलों में छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य में 2020 में भूस्खलन के

इसलिए वे अपनी क्षमता अनुसार प्रतिभा को पहचानते हुए कृषि को अपनाकर नए आयाम स्थापित कर सकते हैं… हिमाचल प्रदेश मूलत: एक कृषि प्रधान प्रदेश का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में यदि प्रदेश का युवा कृषि व्यवस्था से जुडक़र रोजगार के मार्ग को प्रशस्त करे तो आने वाले समय में प्रदेश नए आयामों को स्थापित

प्रदेश सरकार को बाहरी निवेशकों को बेहतरीन सुविधाएं दे करके इनके दोहन की एक पारदर्शी तथा समयबद्ध नीति लानी होगी। यदि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सरकार के नियंत्रण में आ गई तो निश्चित तौर पर प्रदेश की आम जनता का भविष्य भी सुनहरे मार्ग को प्रशस्त करेगा…. 13 जनवरी 2022 को लोहड़ी के पावन अवसर

अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. बंसल ने पिछले कुछ समय से भूमि विवाद को सुलझाने के लिए सक्रियता दिखाई है। ऐसे में प्रदेश के हजारों विद्यार्थी प्रशासन तथा राजनीतिक नेतृत्व से यह मांग करते हैं कि इस विश्वविद्यालय के कैंपस का निर्माण कार्य

विश्वविद्यालय के खुलने से अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा जो कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुका है। हिमाचल प्रदेश में उच्चतर शिक्षा की पहुंच नगण्य है।  ऐसे में हिमाचल प्रदेश में उच्च स्तरीय विश्वविद्यालय की स्थापना समय की मांग भी बन चुकी है। हिमाचल के मध्य में स्थित मंडी में

वर्तमान में शिमला में जनसंख्या घनत्व चरम सीमा पर पहुंच चुका है। विद्यार्थियों को शिमला शहर में रहने के लिए ट्रैफिक जाम, रूम इत्यादि के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश की राजधानी तथा पर्यटक स्थल होने के कारण वर्ष भर शिमला में अनेक कार्यक्रम चले रहते हैं। इस कारण से

अब सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आखिरकार इन घटनाओं के पीछे जिम्मेदार कौन है। विद्वानों और बुद्धिजीवियों का इसके पीछे सबसे बड़ा कारण हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स, सुरंगों और सड़कों के निर्माण के लिए तेज विस्फोट, ड्रिलिंग आदि से पैदा होने वाली कंपन  से ऊपरी सतह और पत्थरों को हिलाना है। हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत

पर्यावरण दिवस के दिन सोशल मीडिया पर पर्यावरण के प्रति जागरूक करने वाले अनेक संदेश मिल जाते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में यह सब कुछ ईद का चांद हो जाता है… वर्ष 2020 कोरोना महामारी की बलि चढ़ चुका है। 2021 में 70 फीसदी उसी दिशा में अग्रसर है। एक आम आदमी से लेकर

ऐसे में यदि हमारे ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि, नगर निगमों के प्रतिनिधि, विधायक व सांसद जरूरी सामान की दुकानों तथा मेडिकल स्टोरों पर स्वयं जाकर छानबीन व छापामारी करें तो इस महामारी के दौर में यह कदम जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा… इस समय संपूर्ण भारत कोरोना वायरस की गंभीर चपेट