पार्वती से टूटी आपदा, भुगत रही एनएचपीसी
बीस दिन से उत्पादन ठप, एनएचपीसी और सरकार का करोड़ों का नुकसान
बालकृष्ण शर्मा-सैंज
एनएचपीसी के लिए कामधेनु बन चुकी पार्वती परियोजना चरण तीन में पिछले 20 दिनों से विद्युत उत्पादन ठप है। बरसात का मौसम बिजली पैदा करने के लिए पीक सीजन माना जाता है। किंतु सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते पार्वती पावर स्टेशन में 520 मेगा वाट की चारों टरवाईनें पावर हाउस में जंग खा रही हैं। प्रशासन की अनदेखी के चलते एनएचपीसी के अलावा प्रदेश सरकार को भी रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। पर्यावरणविद्, एनवायरमेंट साइंटिस्ट पार्वती नदी में आई बाढ़ को प्रकृति का तांडव बता रहे हैं, किंतु प्रकृति की मार को एनएचपीसी को झेलना पड़ रहा है। पिछले बीस दिनों से पार्वती में ऊर्जा उत्पादन ना होने के चलते केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भी सख्त नाराज है और प्रदेश सरकार को इस मामले में मजबूती से हस्तक्षेप करने की बात रखी है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तरी भारत के राज्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने पूर्व में ऊर्जा क्षेत्र की बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों, कैबिनेट सेक्रेटरी और ऊर्जा मंत्रियों से कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का इतना बड़ा नुकसान स्वीकार योग्य नहीं है जिससे कि सरकार की हानि हो। बता दें कि सैंज नदी में आई बाढ़ के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हेलीकॉप्टर से घाटी का दौरा किया तथा प्रभावित परिवारों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा अदा किया। प्रशासन पार्वती प्रोजेक्ट के बांध में पानी भरने की अनुमति नहीं दे रहा है। (एचडीएम)
प्रशासन आपदा प्रभावितों की कर रहा सहायता
उधर इस बारे बंजार के एसडीएम हेम चंद वर्मा ने बताया कि प्रशासन बाढ़ पीडि़तों के अलावा आपदा में सबका सहयोग कर रहा है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताया है। बहरहाल पार्वती प्रोजेक्ट में बीस दिनों से ऊर्जा उत्पादन ठप है और रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
एनएचपीसी देगी तीन करोड़ रुपए की मदद
एनएचपीसी क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के वरिष्ठ प्रबंधक डॉली सिंह ने बताया कि सैंज घाटी में अभूतपूर्व आपदा को देखते हुए एनएचपीसी ने तीन करोड रुपए की इतनी बड़ी आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है। और शीर्ष अधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में उक्त राशि जारी की हैं। शीघ्र ही यह राशि बाढ़ प्रभावितों को बांटी जाएगी।
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