एनएच पर लैंडस्लाइड, तो 30 मिनट में पहुंचेंगी टीमें

By: Jul 1st, 2023 12:01 am

एनएचएआई के फोरलेन निर्माता कंपनियों को निर्देश

भूस्खलन संभावित क्षेत्र के आसपास तैनात करें मशीनरी

राकेश शर्मा – शिमला

नेशनल हाईवे अब पर भूस्खलन हुआ तो महज 30 मिनट में मदद पहुंचेगी। एनएचएआई ने फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनियों को भू-स्खलन संभावित क्षेत्र के आसपास कर्मचारी और भारी मशीनरी तैनात करने के आदेश दिए हैं। भू-स्खलन हल्का हुआ, तो इसे एक घंटे में रोड बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन भारी-भरकम चट्टानें गिरती हैं, तो इसे हटाने में सामान्य कर्मचारियों के अलावा तकनीकी एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। दरअसल प्रदेश में ज्यादातर नेशनल हाईवे को फोरलेन में बदला जा रहा है। इस कड़ी में नई सडक़ों का निर्माण किया गया। एनएचएआई ने निर्माणकर्ता एजेंसी को साफ आदेश दिए हैं कि मार्ग से मलबा उठाने के दौरान पहले से निर्मित मार्ग का पूरा ख्याल रखा जाए, ताकि बन चुकी सडक़ को मलबा हटाने के दौरान कोई नुकसान न हो। गौरतलब है कि भारी बारिश की वजह से जिन जगहों पर फोरलेन के लिए पहाड़ी काटी गई हैं, वहां भारी-भरकम चट्टानें खिसक कर नीचे पहुंच रही हैं।

मौजूदा समय में एनएचएआई ने कालका-शिमला, शिमला-मटौर, कीरतपुर-नेरचौक-मनाली और पठानकोट मंडी समेत पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ और सिरमौर के पावंटा साहिब में निर्माण छेड़ रखा है। इनमें से नेशनल हाईवे के कई हिस्सों को फोरलेन में बदला जा चुका है, जबकि कुछ में निर्माण कार्य अभी बेहद शुरुआती दौर में है। जिन जगहों पर पहाड़ी की कटिंग की गई है, वहां ज्यादा नुकसान देखने को मिल रहा है। अभी तक के आंकड़ों में एनएचएआई को मंडी क्षेत्र में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। शिमला-चंडीगढ़ मार्ग पर सोलन के हिस्से में अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन हो रहा है, लेकिन निर्माता कंपनी की मशीनरी इस भू-स्खलन को साफ कर रही है। एनएचएआई ने किसी भी सूरत में इस मार्ग को 30 मिनट से ज्यादा देर तक बंद न रखने के आदेश दिए हैं। यही वजह है जो अलग-अलग हिस्सों में मशीनरी तैनात कर दी गई है। (एचडीएम)


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