दूसरे दिन बीटेक की 151 सीटें अलॉट, हमीरपुर में सामान्य वर्ग-उप श्रेणी के लिए काउंसिलिंग का दौर
तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में सामान्य वर्ग-उप श्रेणी के लिए काउंसिलिंग का दौर
दिव्य हिमाचल ब्यूरो— हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में रविवार को एचपीसीईटी के आधार पर बीटेक (डायरेक्ट एंट्री) के लिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग हुई। दूसरे दिन सामान्य श्रेणी व सामान्य वर्ग की उप श्रेणियों की सीटों के लिए काउंसिलिंग में 151 सीटें आबंटित की गईं। जिन अभ्यर्थियों को सीटें आबंटित हुई हैं, उन्हें संबंधित शिक्षण संस्थानों में पहली अगस्त सायं चार बजे तक रिपोर्ट करनी होगी, जो तय समय अवधि में संबंधित शिक्षण संस्थान में रिपोर्ट नहीं करेगा, वह सीट खाली मानी जाएगी। तकनीकी विवि के अधिष्ठाता प्रो. जयदेव ने कहा कि एचपीसीईटी की मेरिट के आधार पर पहले और दूसरे चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब पहली अगस्त शाम को जो खाली सीटों का ब्यौरा संबंधित शिक्षण संस्थानों से आएगा, उन्हें भरने के लिए जमा दो की मेरिट के आधार पर दो और तीन अगस्त को काउंसिलिंग का आयोजन किया है। जिन अभ्यर्थियों ने जमा दो के आधार पर बीटेक की काउंसिलिंग के लिए आवेदन किया है, वे अपनी श्रेणी के अनुसार उपरोक्त तिथि को काउंसिलिंग में भाग ले सकता है।
एमएससी के लिए काउंसिलिंग आज
तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर में एमएससी भौतिक विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान व पीजी डिप्लोमा योग की काउंसिलिंग 31 जुलाई को होगी। जिन अभ्यर्थियों ने उपरोक्त विषयों में प्रवेश लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, वे काउंसिलिंग में भाग ले सकते हैं।
पैट की खाली सीटों के लिए स्पॉट काउंसिलिंग आज से
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के सभी राजकीय व निजी बहुतकनीकी संस्थानों में चल रहे प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स (पैट) में खाली बची सीटों के लिए स्पॉट काउंसिलिंग का आयोजन किया जा रहा है। स्पॉट काउंसिलिंग का पहला राउंड 31 जुलाई और पहली अगस्त को राजकीय बहुतकनीकी सुंदरनगर में चलेगा। वहीं दूसरे राउंड का आयोजन सात व आठ अगस्त को किया जाएगा। इसके लिए छात्रों को सुंदरनगर में खुद उपस्थित रहना होगा। काउंसिलिंग के पहले राउंड में वे अभ्यार्थी भाग ले पाएंगे, जिनके पैट परीक्षा में 150 नंबर से ऊपर हैं।
मेधा प्रोत्साहन योजना में स्तरीय कोचिंग संस्थानों को करें शामिल
मेधावी बच्चों के अभिभावकों की सीएम सुक्खू से मांग
निजी संवाददाता— अवाहदेवी
मेधा प्रोत्साहन योजना को प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पुन: संचालित किया गया है। पिछली सरकार द्वारा इसे बंद कर दिया गया था। इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा चयनित किया जाता है, जिसमें जमा दो के बाद एनडीए तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों को एक लाख रुपए छात्रवृत्ति के रूप में दिया जाता है। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत चयनित कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जिनकी गिनती उच्च श्रेणी के कोचिंग संस्थानों में नहीं होती है। वर्तमान में हिमाचल में मेधा छात्रवृत्ति योजना के तहत कुछ ऐसे संस्थान हैं, जहा बच्चे कोचिंग लेने में रुचि नहीं रखते, जबकि ऐसे बहुत से कोचिंग संस्थान हैं, जो कि बेहतर कोचिंग दे सकते हैं। इस योजना के लिए चुने गए बच्चों के अभिभावकों संजीव कुमार, अरुण कुमार, राजीव, दिनेश, प्रदीप, अश्वनी व कमलदीप आदि ने मुख्यमंत्री सुक्खू से मांग की है कि मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत उन कोचिंग संस्थानों को शामिल किया जाए, जो कि अच्छा परिणाम दे या फिर इस योजना में संशोधन करके उक्त छात्रवृत्ति छात्रों को दी जाए, ताकि विद्यार्थी वर्ग अपनी इच्छा अनुसार मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कोचिंग ले सकें।
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