गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक का विरोध; भूपेंद्र हुड्डा बोले, किसानों को होगा नुकसान

By: Jul 23rd, 2023 12:07 am

सरकार केंद्र से करे बात

संजय अरोड़ा — चंडीगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार बाड़ ग्रस्त इलाको का रविवार को फतेहाबाद और सिरसा जाएंगे। वह प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में बात करेंगे। अपने दौरे को लेकर जानकारी देते हुए हुड्डा ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक पर अपना विरोध भी जताया। उनका कहना है कि निर्यात पर रोक से किसानों को भारी नुकसान होगा। खासतौर पर पंजाब और हरियाणा के किसान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। क्योंकि इस बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के अच्छे रेट मिलने की उम्मीद है। इसका लाभ किसानों को मिल सकता है। सरकार की तरफ से धान की खरीद देरी से शुरू की जाती है। इसमें प्रति एकड़ की कैप भी लगा दी जाती है। ऐसे में पहली अक्तूबर से होने वाली सरकारी खरीद से पहले किसानों को प्राइवेट एजेंसियों को अपनी फसल बेचनी पड़ती है।

ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल बेचने के उद्देश्य से निर्यातक किसान की फसल खरीदते हैं और किसानों को उचित रेट मिल पाते हैं, लेकिन सरकार ने अब यह रास्ता भी बंद कर दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि साल 2008 में यूपीए सरकार के दौरान जब निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया गया था तो मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने खुद प्रधानमंत्री से इसके बारे में बात की थी। उसके बाद यूपीए सरकार ने प्रतिबंध को हटा दिया था। इसके चलते किसानों को धान के अच्छे रेट मिले थे। अब हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को भी केंद्र से इस बारे में बात करनी चाहिए और किसानों का पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखना चाहिए। इसके साथ हुड्डा ने एकबार फिर बाढ़ ग्रस्त लोगों के मुआवजे का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार ने टालमटोल के मकसद से एक बार फिर जनता को पोर्टल के हवाले कर दिया है। सरकार बिना देरी किए किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे। साथ ही मकानोंए दुकानदारों और अन्य कारोबारियों को हुए नुकसान का जल्द आंकलन करके उन्हें भी उचित मुआवजा दे। (एचडीएम)


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