मनोविज्ञान क्या है
जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक
नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952
मनोवैज्ञानिक होने के नाते मेरा कत्र्तव्य है कि मैं पाठकों को मनोविज्ञान विषय के बारे में जानकारी प्रदान करूं। इसके विभिन्न पहलुओं, अन्य विज्ञानों से इसका संबंध धार्मिक व नैतिकता से इसका नाता, भविष्य बताने वाली विद्याओं में इसका योगदान, नशा व्यसनों, मानसिक अस्वस्थता व शारीरिक अस्वस्थता का परस्पर प्रभाव आदि एवं व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर इस विषय का महत्व व अन्य संबंधित विषय सामग्री के विषय में जानकारी दूं। मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान एक ऐसा रहस्यमय विषय है जिसके बारे में पूरी तरह सही जानकारी बहुत से लोगों को नहीं है सामान्यतया इस विषय के बारे में लोगों में गलत भ्रांतियां व धारणाएं है। अपने-अपने हिसाब से सभी इसकी व्याख्या करते हैं, कुछ तो इसे जादू भरी ऐसी विद्या भी मानते हैं जो देखते ही व्यक्ति का अंदाजा लगा सकती है यहां तक कि बुद्धिजीवी वर्ग भी इसे महज एक विषय ही मानता है।
कुछ तो इसे दिमागी रोगियों की डाक्टरी ही समझते है जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। यह एक विज्ञान है जिसका व्यक्ति के दिमाग, शरीर, चरित्र, व्यक्तित्व, व्यवसाय, नैतिकता, बौद्धिकक्षमता, आचरण एवं आदतों पर अकूत प्रभाव पड़ता है। लेखों की श्रृखंला में सभी बारिकियों एवं पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा, मनोविज्ञान को अंग्रेजी में साईकोलॉजी कहा जाता है जो दो शब्दों की संधि है साईकी और लोगस लातैनी भाषा में इसका मतलब है दिमाग एवं शरीर यानी दिमागी दशा व उसका शारीरिक अवस्था से संबंध व परस्पर प्रभाव ही साईकोलॉजी यानी मनोविज्ञान है। विज्ञान की विभिन्न किस्मे हैं जिनमें भौतिक विज्ञान, चिकित्सा व रसायन, इतिहास व भूगोल, गणित एवं साख्यंकी के अलावा सामाजिक, नैतिक, तर्क, दर्शनशास्त्र भी विज्ञान की ही परिधि में आते हंै। इसी तरह मनोविज्ञान एक व्यावहारिक विज्ञाान है जो मनुष्य के मस्तिष्क द्वारा कंेद्रित संचालित व निर्देशित व्यक्तित्व के विभिन्न व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन करता है इसकी उत्पत्ति दर्शनशास्त्र से हुई है।
दर्शनशास्त्र तर्कशास्त्र व नीतिशास्त्र की तरह मनोविज्ञान की जननी है आर्ट की तरह कालेज स्तर से ही स्नातक एवं स्नातकोत्तर विषयानुसार एम.ए डिग्री प्रदान की जाती थी तत्पश्चात कुछ विश्वविद्यालयों ने इसे नियमित विज्ञान मानते हए एम.एस.सी. की डिग्री की पहचान भी देनी शुरू की क्योंकि इस विषय में भी प्रयोगात्मक मनोविज्ञान शाखा के अंतर्गत प्रयोगशाला का प्रयोग होता है अब तो इसे बाकायदा एक पूर्णतया स्थापित व्यावहारिक विज्ञान का महत्त्व दिया जाने लगा है।
शिक्षा विषयों के चुनाव में, नौकरी के साक्षात्कार में, व्यवसाय के चुनाव में व्यापार के आधुनिकीकरण में, प्रतियोगी परीक्षाओं में, सेना पुलिस में बाकायदा मनोविज्ञानिक के विशेषज्ञ की सेवाएं ली जाती है। पश्चिमी देशों में तो संपन्न प्रतिष्ठित परिवारों ने बाकायदा ऊंची-ऊंची फीस व सुविधाएं प्रदान करके मनोवैज्ञानिको को पारिवारिक चिकित्सक की तरह अपने यहां नियुक्ति दे रखी है और रोजमर्रा की जरूरतों, तनाव, कुंठा, निराशा व अन्य समस्याओं के समाधान हेतु उनसे परामर्श लिया जाता है। नार्मन एलमन, क्रो एंड क्रो, सिगमंड फ्रायड, एलफ्रैड, कोलमैन, विलियम मैकडूगल आदि प्रसिद्ध मनावैज्ञानिक हुए हंै जिनका इस विषय में अनुसंधान प्रशंसनीय है।
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