क्या शिक्षा विभाग राज्य में खेलों को बढ़ावा देगा?

By: Jul 21st, 2023 12:06 am

शिक्षा मंत्रालय जब अपने यहां नियुक्त अध्यापकों को प्रशिक्षण चलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा तो अच्छे परिणाम आएंगे…

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने दो वर्ष पहले अपने पूर्व में रहे खिलाड़ी शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के लिए एक पत्र निकाला था। इस पत्र में शिक्षा निदेशालय ने शौकिया प्रशिक्षण करवाने वाले इच्छुक शिक्षकों व कर्मचारियों के नाम मांगे थे ताकि उन्हें प्रशिक्षण सुविधाओं वाली जगहों पर नियुक्त किया जा सके। मगर आज तक भेजे गए उन नामों का कुछ पता नहीं चला कि उनका क्या हुआ। अब फिर एक पत्र शिक्षा निदेशालय की तरफ से निकला है। उसमें आज शिमला में संयुक्त निदेशक हायर एजुकेशन की अध्यक्षता में खेलों के उत्थान के लिए बनाई गई कमेटी की बैठक हो रही है जो राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के विभिन्न पहलुओं पर राय देगी। हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों खिलाड़ी खेल आरक्षण के अंतर्गत विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं। दर्जन भर खिलाडिय़ों को छोड़ कर न तो कोई खेल कर रहा है और न ही प्रशिक्षण व अन्य खेल प्रबंधन से जुड़ा है। खेलों से नियमित रोजी रोटी मिलने वालों को चाहिए कि वे नमक का कुछ तो हक अदा करें। अगर खिलाड़ी के रूप में नहीं हो सकता है तो प्रशिक्षण व प्रबंधन तो आसानी से हो ही सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के विभिन्न विभागों में खेल आरक्षण के अंतर्गत तीन प्रतिशत पदों पर भर्ती करती है। शिक्षा विभाग में अब तक सैंकड़ों प्रवक्ता, प्रशिक्षित स्नातक व अन्य पदों पर खेल आरक्षण से शिक्षक नियुक्त हैं। हिमाचल प्रदेश का हर बच्चा विद्यालय जा रहा है। वैसे तो विद्यालय में विद्यार्थियों की फिटनेस व खेलों के लिए शारीरिक शिक्षा का शिक्षक नियुक्त होता है, मगर वह हर खेल के लिए प्रशिक्षण नहीं दे सकता है। भविष्य के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करने के लिए किशोरावस्था से ही सही तकनीक के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम का महत्व बढ़ जाता है। अरबों की आबादी में किसी खेल विशेष में सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए क्षमतावान प्रशिक्षक का प्रारंभिक स्तर से होना बेहद अनिवार्य हो जाता है जो सही उम्र में सही तकनीक सिखा कर भविष्य में खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।

हिमाचल प्रदेश में खेल प्रशिक्षण के लिए शुरू से वह वातावरण ही नहीं बन पा रहा है जिससे बाद में प्रशिक्षक खिलाड़ी से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठतम परिणाम दिला सके। खेल प्रशिक्षण दस साल से भी अधिक समय तक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। इतने लंबे खेल प्रशिक्षण को प्राप्त कर कुछ एक खिलाड़ी ही अपने प्रदेश व देश को गौरव दिला पाते हैंं। हिमाचल प्रदेश में विद्यालय स्तर पर शारीरिक शिक्षकों की कमी सबके सामने है। विद्यालय जीवन ही वह समय है जब खिलाड़ी तकनीक को सीख रहा होता है। हिमाचल प्रदेश में लगातार प्रशिक्षण के लिए विद्यालय खुलने से पहले व बंद होने के बाद हिमाचल प्रदेश में शारीरिक शिक्षकों को छोड़ कर अन्य विषयों के शिक्षक जो पूर्व में अच्छे खिलाड़ी रहे हैं, अपने पढ़ाई के कार्य के साथ साथ विभिन्न खेलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चला कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश व देश का नाम पूर्व में रोशन करते रहे हैं और वर्तमान में कर भी रहे हैं। हमीरपुर शहर के वरिष्ठ माध्यमिक कन्या राजकीय विद्यालय में चार दशक पूर्व नियुक्त प्रयोगशाला सहायक अमरनाथ शर्मा ने हमीरपुर से महिला हाकी के लिए निचले स्तर पर बहुत अच्छा काम किया था। इस तरह और कई नाम हैं जिन्होंने अपनी ड्यूटी के साथ खेल प्रशिक्षण में भी सराहनीय कार्य किया है। वर्तमान में बिलासपुर जिले के दूरदराज मोरसिंघी गांव के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राजनीति शास्त्र की प्रवक्ता व पूर्व अंतरराष्ट्रीय हैण्डबाल खिलाड़ी स्नेह लता के प्रशिक्षण कार्यक्रम से राष्ट्रीय स्तर पर हर आयु वर्ग की महिला प्रतियोगिताओं में हिमाचल विजेता है। पिछले एशियाड में भारतीय महिला हैण्डबाल टीम में चार खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश से थी। इस साल की राष्ट्रीय महिला हैण्डबाल प्रतियोगिता की विजेता हिमाचल प्रदेश की टीम में अधिकांश खिलाड़ी मोरसिंघी नर्सरी से हैं। स्नेह लता की पहली नियुक्ति शिक्षा विभाग में सोलन जिले के नवगांव वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुई थी। उसी समय से स्नेह लता ने हैण्डबाल प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। एक दशक पूर्व हमीरपुर जिले के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कक्डयार में नियुक्त प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक कुलवीर सिंह ने एथलेटिक्स में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया था।

उसके अच्छे परिणाम रहे थे, मगर बाद में ऐसी जगह ट्रांसफर हो गई जहां प्ले फील्ड व समय की दिक्कत के कारण उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद हो गया। हमीरपुर में आज अपने समय के स्टार धावक अनिल शर्मा व रजनीश शर्मा जो दोनों ही प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक के पद पर शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, अपनी ड्यूटी के बाद शाम के समय अणु सिंथेटिक ट्रैक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए हुए हैं। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में कई खेलों के खिलाड़ी शिक्षक के पदों पर नियुक्त हैं। पिछले कई सालों से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बरोट मेंं नियुक्त प्रशिक्षित कला स्नातक अध्यापक पुनित सैनी फुटबॉल के बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कई बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया हुआ है। पुनित राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान से फुटबॉल के क्वालीफाइड प्रशिक्षक भी हैं। बरोट में फुटबॉल मैदान की सुविधा उपलब्ध नहीं है और अब जहां ट्रांसफर हुआ वहां भी मैदान नहीं है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में हायर व एलीमेंट्री निदेशालयों को चाहिए कि वे खेल आरक्षण से नियुक्त शिक्षकों जो अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त अपने खेल में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं या चलाना चाहते हैं, उन्हें जहां प्ले फील्ड है, वहां नियुक्त करना चाहिए, ताकि हिमाचल प्रदेश के शिक्षा संस्थानों को अच्छे मगर शौकिया प्रशिक्षक मिल सकें जो हिमाचल प्रदेश के खिलाडिय़ों की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता तक ले जा सकंे। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त और विभागों में भी कई खिलाड़ी सरकारी नौकर अपनी नौकरी के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए हुए हैं। क्या खेल विभाग के साथ मिलकर इन खिलाड़ी सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए मंच उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्यों व शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को चाहिए कि वे खेल सुविधा व प्रतिभा के अनुसार अपने विद्यालय में अच्छे प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं ताकि हिमाचल के खिलाडिय़ों को विद्यालय में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश सरकार का शिक्षा मंत्रालय जब अपने यहां नियुक्त खिलाड़ी पृष्ठभूमि के अध्यापकों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा तो अच्छे परिणाम आएंगे।

भूपिंद्र सिंह

अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक

ईमेल: bhupindersinghhmr@gmail.com


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App