दलीय कट्टरपंथ देश के लिए खतरनाक…
लक्षण बताते हैं कि देश दलीय कट्टरपंथ की ओर अग्रसर हो चुका है। एमपी में पेशाब पिलाने की घटना घटी, लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि सत्तापक्ष में बैठे किसी माननीय एसटी एमपी ने विरोध किया होगा। मणिपुर मे महिलाओं के साथ घिनौना कांड हुआ लेकिन लगता नहीं है कि सत्तापक्ष में बैठे किसी माननीय महिला एमपी ने संसद में इस घटना की भत्र्सना की हो। जब किसी तथाकथित डबल इंजन की सरकार में किसी एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग पर अत्याचार होता है या फिर केंद्र सरकार उनके हक हकूक को छीनती है तो ऐसा नहीं लगता है कि सत्तापक्ष में बैठे इन वर्गों से संबंधित माननीय सांसदों ने विरोध में आवाज बुलंद की हो। जब दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था तो पार्टी से ऊपर उठकर सब माननीयों ने भत्र्सना की थी।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
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