भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरणा लें…
हमारे देश के राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने अपनी एक कविता में क्या खूब कहा है कि ‘जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रस धार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।’ 8 अगस्त वर्ष1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। इसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था। इस आंदोलन में बहुत से देशभक्त शामिल हो गए थे। देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद करवाने के लिए बहुत से लोग जेलों में भी गए। यह आंदोलन इतना भारी था कि अंग्रेजों की नींद हराम हो गई थी। अंग्रेजों ने बौखलाहट में आकर हमारे देश के देशभक्तों पर जुल्म किए। इसमें बहुत से लोग देश के लिए कुर्बान हो गए थे और बहुत से जख्मी हो गए थे। हमें इस आंदोलन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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