TGT शिक्षकों को ग्रुप बी में शामिल करें सरकार, राजकीय टीजीटी कला संघ ने सरकार से की मांग

By: Sep 30th, 2023 9:08 pm

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

राजकीय टीजीटी शिक्षक संघ उन्हें ग्रुप बी में शामिल करने की मांग सरकार से की है। संघ का कहना है कि पूर्व सरकार द्वारा टीजीटी शिक्षकों को ग्रुप बी की जगह ग्रुप सी में डालना अनुचित निर्णय था । इस निर्णय को प्रदेश सरकार रिव्यू करे और टीजीटी शिक्षकों को वर्ष 2011 के रि-रिविजन को आधार मानकर ग्रुप बी में स्थान दे। सात सितंबर 2022 को प्रदेश वित्त विभाग द्वारा इस बारे में एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें वेतन संरचना संशोधन अनुसार पदों को श्रेणियों में विभाजित किया गया था। तीन मई 2001 के बाद यह संशोधन एक जनवरी 2016 से नया वेतन आयोग स्केल देने को आधार बनाकर यह संशोधन किया गया था। ग्रुप ए में वेतन स्तर 16 से 31, ग्रुप बी में वेतन स्तर 11 से 15, ग्रुप सी में वेतन स्तर 3 से 10 और ग्रुप डी में वेतन स्तर 1 से 2शामिल किए गए हैं। टीजीटी शिक्षकों का स्केल वर्ष 2011 में पुन: संशोधित किया गया था, जिसमें उनकी ग्रेड पे 3600 रूपये से बढ़ाकर 5000 रूपये की गई थी। जिन श्रेणियों की ग्रेड पे टीजीटी से कम थी, उनको भी अब ग्रुप बी में डाल दिया गया है मगर टीजीटी को ग्रुप बी में अधिसूचित किया गया है। इस निर्णय को पलटने और टीजीटी के स्तर 10 को भी ग्रुप बी में शामिल करने की अपील राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार से की है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल और महासचिव विजय हीर सहित समूची कार्यकारिणी ने इस मामले में अविलंब कार्यवाही की अपील की है क्योंकि इससे प्रदेश सरकार पर कोई भी वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और 18 हजार टीजीटी से छीना गया सम्मानजनक ग्रेड देने से शिक्षक वर्ग भी आहत अनुभव नहीं करेगा। टीजीटी को वेतन आयोग में और तय स्केल में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है और पंजाब की तर्ज पर आरंभिक वेतन भी नहीं मिल रहा है। पूर्व सरकार ने एक वेतन विसंगति कमेटी बनाई थी और संघ ने अपनी मांगें प्रस्तुत की थीं मगर उस कमेटी ने कोई कार्यवाही नहीं की और रिपोर्ट के बिंदुओं पर कोई एक्शन नहीं हुआ । सबसे कम वेतन गुणांक टीजीटी को मिला है और शिक्षा हाई पावर कमेटी भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी थी जिसने भी टीजीटी स्केल विसंगति बारे वित्त विभाग को लिखा मगर विसंगति सुधार नहीं हुआ। अब कर्मचारी डी ए की भी प्रतीक्षा में हैं जो एक वर्ष तक विगत सरकार ने नहीं दिया था । प्रदेश की वित्तीय स्थिति देखकर संघ अभी खामोश है मगर टीजीटी का ग्रेड सी से बदलकर बी करना गैर वित्तीय मांग है जिसे अविलंब पूरा करना आपेक्षित है।

टीजीटी के पद पर केवल टीजीटी ही हों बीआरसीसी

संघ ने प्रदेश सरकार से कैबिनेट में यह स्थिति बीआरसीसी भर्ती बारे स्पष्ट करने की आग्रह किया है कि अप्पर प्राथमिक बीआरसीसी के पद वित्त विभाग ने जब केवल टीजीटी हेतू सृजित हैं तो उन पर गैर टीजीटी की नियुक्ति कैसे होगी और उनका वेतन कैसे आहरित होगा। 18 हजार टीजीटी के अधिकारों पर सरकार ध्यान केंद्रित करे और उनके लिए तय पद उनसे न छीने जाएं।

—-विनोद कुमार-


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