टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन विभाग में काम करते थे प्रेम चोपड़ा, ऐसे बने स्टार

By: Sep 23rd, 2023 5:43 pm

मुंबई। बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता प्रेम चोपड़ा शनिवार को 88 वर्ष के हो गए। प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर 1935 को लाहौर में हुआ। वह अपने छह भाई बहनों में तीसरे नंबर पर थे। भारत विभाजन के बाद उनका परिवार शिमला आ गया, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से स्रातक की शिक्षा पूरी की। इस दौरान वह कॉलेज में अभिनय भी किया करते थे। स्रातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेम चोपड़ा ने निश्चय किया कि वह अभिनेता के रूप फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाएंगे। हालांकि उनके पिता चाहते थे वह डॉक्टर बनें, लेकिन उन्होंने अपने पिता से साफ शब्द में कह दिया कि वह अभिनेता बनना चाहते हैं।

अपने सपने को साकार करने के लिए वह पचास के दशक के अंतिम वर्षो में मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद प्रेम चोपड़ा को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने जीवन यापन के लिऐ वह टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन विभाग में काम करने लगे। इस दौरान फिल्मों में काम करने के लिए वह संघर्षरत रहे। इस बीच उन्हें एक पंजाबी फिल्म चौधरी करनैल सिंह में काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1960 में प्रदर्शित यह फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट हुई और वह दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कुछ हद तक कामयाब हो गए। वर्ष 1964 में प्रेम चोपड़ा की एक अहम फिल्म वो कौन थी प्रदर्शित हुई। राज खोसला के निर्देशन में बनीं मनोज कुमार और साधना की मुख्य भूमिका वाली रहस्य और रोमांच से भरी इस फिल्म में प्रेम चोपड़ा खलनायक की भूमिका में दिखाई दिये। फिल्म सफल रही और वह हिंदी फिल्मों में खलनायक के रूप में कुछ तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। वर्ष 1965 में प्रेम चोपड़ा की एक महत्वपूर्ण फिल्म शहीद प्रदर्शित हुई। देश भक्ति के जज्बे से परिपूर्ण इस फिल्म में उन्होंने अपने किरदार से दर्शको का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्हें तीसरी मंजिल और मेरा साया जैसी फिल्मों में अभिनय करने का मौका मिला।

इन फिल्मों में उनके अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। वर्ष 1967 में प्रेम चोपड़ा को निर्माता- निर्देशक मनोज कुमार की फिल्म उपकार में काम करने का अवसर मिला। जय जवान जय किसान के नारे पर बनी इस फिल्म में उन्होंने मनोज कुमार के भाई की भूमिका निभाई। उनकी यह भूमिका काफी हद तक ग्रे शेडस लिए हुई थी। इसके बावजूद वह दर्शको की सहानुभूति पाने में कामयाब रहे। फिल्म उपकार की कामयाबी के बाद प्रेम चोपड़ा को कई अच्छी और बड़े बजट की फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये जिनमें एराउंड द वल्र्ड, झुक गया आसमान,डोली,दो रास्ते,पूरब और पश्चिम,प्रेम पुजारी, कटी पतंग, दो रास्ते, हरे रामा हरे कृष्णा, गोरा और काला और अपराध जैसी फिल्में शामिल थी। इन फिल्मों में उन्हें देवानंद, राजकपूर, राजेश खन्ना और राजेन्द्र कुमार जैसे सितारों के साथ काम करने का अवसर मिला और वह सफलता की नयी बुलंदियों पर पहुंच गए।

वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म बॉबी प्रेम चोपड़ा के सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुयी।बॉलीवुड के पहले शो मैन राजकपूर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में एक मवाली गुंडे की एक छोटी सी भूमिका में दिखाई दिये। इस फिल्म में उनका बोला गया यह संवाद प्रेम नाम है मेरा प्रेम चोपड़ा दर्शको के जेहन में आज भी ताजा है। वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म दो अनजाने प्रेम चोपड़ा की एक और अहम फिल्म साबित हुयी। अमिताभ बच्चन और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में प्रेम चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन के दोस्त की भूमिका निभाई थी। अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म सौतन प्रेम चोपड़ा अभिनीत महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। सावन कुमार के निर्देशन में बनी इस फिल्म में राजेश खन्ना पद्मिनी कोल्हापुरी और टीना मुनीम ने मुख्य भूमिकाएं निभाई। इस फिल्म में उनका संवाद मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं आज भी दर्शको की जुबान पर है। प्रेम चोपड़ा ने अपने चार दशक लंबे सिने कैरियर में अब तक 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।


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