लाहुल-स्पीति के दर्शनीय स्थल

By: Sep 30th, 2023 12:22 am

लाहुल-स्पीति– हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। ये दो घाटियां भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित है। इस जिले का प्रशासनिक केंद्र लाहुल के केलांग में स्थित है। स्पीति और लाहुल की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल अलग है। स्पीति में ठंडे पर्वत और मैदान हंै, जो बंजर पड़े हैं और इन्हें पार कर पाना बहुत मुश्किल है। लाहुल क्षेत्र हरा-भरा है और ये स्पीति के मुकाबले काफी विकसित क्षेत्र है। लाहुल और स्पीति दोनों ही ट्रैकिंग के लिए बहुत बढिय़ा हैं और यहां आपको प्राकृतिक सौंदर्य से रू-ब-रू होने का मौका भी मिलेगा। लाहुल-स्पीति में समान रूप से बौद्ध और हिंदू धर्म को माना जाता है। रंग-बिरंगे बौद्ध प्रार्थना के झंडे से लेकर हवा की सरसराहट यहां की संस्कृति को बयां करती है। इस स्थान पर कई तरह के मेले लगते हैं। लाहुल-स्पीति में अनके मठ, ऊंचे पर्वत और नदियां हैं। आइए जानते हैं यहां के कुछ दर्शनीय स्थलों के विषय में। रोहतांग पास- रोहतांग पास समुद्रतट से 3978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रोहतांग और इससे आगे जाने के लिए आपको परमिट की जरूरत पड़ती है। रोहतांग पास जाने का सबसे बेहतर समय जून से अक्तूबर तक का है। पूरे साल के मुकाबले इस समय यहां का मौसम सबसे सुहावना रहता है। ट्रैकिंग के लिए ये बढिया जगह है। यहां पर ऊंची चोटियां, ग्लेशियर और झरनों का मनोरम नजारा देखने को मिलता है। किब्बर गांव -स्पीति में स्थित किब्बर गांव दुनिया का सबसे ऊंचा गांव है। ये समुद्रतट से 4205 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। काई मठ से किब्बर गांव काफी नजदीक है।

त्रिलोकीनाथ मंदिर- खूबसूरत चंद्रबाग घाटी में स्थित त्रिलोकीनाथ मंदिर को 10वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इस मंदिर में हिंदुओं के साथ-साथ बौद्ध धर्म के लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है। इस मंदिर में अलग-अलग नाम पर एक ही मूर्ति को बौद्ध और हिंदू धर्म के लोगों द्वारा पूजा जाता है। हिंदू धर्म के लोग मंदिर के आराध्य को भगवान शिव और बौद्ध धर्म के लोग आर्य अवलोकितेश्वर के रूप में पूजते हैं। इस वजह से ही यह मंदिर काफी अनोखा और अनूठा है। ताबो मठ- 996 ई. में ताबो की स्थापना की गई थी। देशभर में बौद्ध मठों में इसकी स्थापना सबसे पहले की गई थी। इस मठ का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है। मठ की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है। इसकी वजह से इसे हिमालय का अजंता कहा जाता है। इसमें नौ मंदिर, 4 स्तूप और गुफा मंदिर हैं।

धनकर झील- धनकर गांव से 45 किमी. की दूरी पर स्थित है धनकर झील। समुद्रतट से इसकी ऊंचाई 4136 मीटर है।

काई मठ- इस मठ को 11वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। लाहुल-स्पीति में स्थित ये सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। समुद्रतट से इसकी ऊंचाई 4166 मीटर है।

चंद्रताल झील- ये झील अर्ध चंद्राकार में है इसलिए इसे चंद्रताल कहा जाता है। चंद्रताल झील ट्रैकिंग के लिए भी बहुत मशहूर है और लाहुल-स्पीति आने वाले लोग यहां जरूर आते हैं।


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