‘अपराजेय’ बनेगा विश्व चैंपियन

By: Oct 24th, 2023 12:05 am

20 सालों की लगातार पराजयों के अभिशाप, अंतत:, धुल गए। आईसीसी विश्व कप में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को आखिरी बार 2003 में पराजित किया था। उसके बाद पराजय के सिलसिले ऐसे बंधे कि हम न्यूजीलैंड को हराने में असमर्थ होते रहे। 2019 के विश्व कप के सेमीफाइनल की वह कसक आज भी पीड़ा देती है। टीम इंडिया जीत के मुहाने पर थी, लेकिन कप्तान धोनी के अचानक रन आउट होते ही मुकाबले का परिदृश्य ही बदल गया। टीम इंडिया पराजित होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई और न्यूजीलैंड फाइनल में पहुंच कर ‘उपविजेता’ बनी। मौजूदा एकदिनी क्रिकेट के विश्व कप में हमने न केवल पराजयों के प्रतिशोध लिए हैं, बल्कि टीम इंडिया को अभी तक ‘अपराजेय’ रखने में भी सफल रहे हैं। न्यूजीलैंड ने 274 रनों का जो लक्ष्य दिया था, वह आसान नहीं था। हालांकि कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल की सलामी जोड़ी ने 71 रन जोडक़र टीम इंडिया के इरादे स्पष्ट कर दिए थे। यह मैच पूरे देश ने मनोयोग से देखा होगा, लेकिन टीम के दो किरदार-विराट कोहली और मुहम्मद शमी-बार बार मैच का रुख बदलते रहे। विराट तो ‘अतुलनीय’ हैं। उम्र 34-35 साल…एकदिनी क्रिकेट में 48 शतक और 69 अद्र्धशतक…रन 13,000 से अधिक…अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 26,000 से अधिक रन और अब भी बल्लेबाजी, क्षेत्ररक्षण और रणनीति की वही निरंतरता है, जो अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया की कप्तानी करते वक्त थी। भारत ने वह विश्व कप भी जीता था। अब विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 95 बहुमूल्य रनों की पारी खेली। यदि बाउंड्री पर वह कैच नहीं होते, तो ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलकर के कुल 49 एकदिनी शतकों का कीर्तिमान साझा कर रहे होते! गौरतलब यह है कि विराट के सामने खिलाड़ी अपना-अपना योगदान देकर आउट हो रहे थे, तो उस समय विराट भारत की जीत को दहलीज तक पहुंचा चुके थे। अंतत: जडेजा ने उस जीत को हमारे आंगन तक पहुंचाया और 20 साल की पीड़ा कुछ कम हुई।

अब इस जीत के बाद ‘अपराजेय’ भारत के विश्व कप जीतने के विश्लेषण किए जा रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ हमारे आजमाए हुए पेसर गेंदबाज मुहम्मद शमी ने एक बार फिर 5 विकेट लेकर साबित कर दिया कि उनकी सटीक गेंदबाजी का कोई सानी नहीं है। शमी ने न्यूजीलैंड के तीन शीर्ष बल्लेबाजों को आउट ही नहीं किया, बल्कि प्रतिद्वंद्वी टीम की रन-गति पर अंकुश भी लगाए रखा। वह बुमराह और सिराज जैसे गेंदबाजों से कमतर नहीं हैं, लेकिन बीते चार मुकाबलों के दौरान उन्हें ‘प्रतीक्षारत’ ही बिठाए रखा गया। शमी अभी तक 175 से ज्यादा विकेट ले चुके हैं और पेसर गेंदबाजों में अग्रणी हैं। अब क्रिकेट प्रशासन, कोच और कप्तान के सामने यह यक्ष-प्रश्न रहेगा कि शमी की भूमिका क्या तय की जाए? बहरहाल टीम इंडिया विश्व कप में न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और ऑस्टे्रलिया की ताकतवर टीमों को परास्त कर चुकी है। उसका सेमीफाइनल में पहुंचना 99.9 फीसदी तय है। अभी उसे इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका की टीमों से खेलना है। बेशक इस बार दक्षिण अफ्रीका की टीम जबरदस्त चुनौती है, लेकिन वह नीदरलैंड्स सरीखी नौसीखिया टीम से परास्त भी हो चुकी है। मौजूदा चैम्पियन इंग्लैंड की बहुत पतली हालत है। उसने एक ही मुकाबला जीता है, जबकि तीन मुकाबलों में वह पराजित हुई है। कुल मिलाकर विश्लेषण किए जा रहे हैं कि क्या एक बार फिर भारत ही बनेगा विश्व चैम्पियन? क्या वह अपराजेय रहते हुए चैम्पियन बनने का नया इतिहास रच सकता है और कीर्तिमान भी बना सकता है? दरअसल इस बार की टीम भी 2011 जैसी संगठित लग रही है। सभी खिलाड़ी विनम्रता के साथ जीत के लिए प्रयासरत हैं।


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