जेबीटी टेट की आवेदन फीस वापस करे शिक्षा बोर्ड, हिमाचल बीएड बेरोजगार यूनियन ने उठाई मांग

By: Oct 3rd, 2023 12:08 am

हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने उठाई मांग

कार्यालय संवाददाता— मंडी

जब प्रदेश के बीएड अभ्यर्थी जेबीटी टेट के लिए पात्र नहीं हैं, तो जेबीटी टेट की परीक्षा के लिए भरी गई फीस को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड जल्द वापस करे। यह मांग हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड व प्रदेश सरकार से की है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गौतम ने बताया कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने जेबीटी टेट की परीक्षा 15 अक्तूबर को संचालित की जा रही है। इसमें बीएड अभ्यर्थी परीक्षा में नहीं बैठ सकते, लेकिन शिक्षा बोर्ड ने यह कहीं भी साफ नहीं किया है कि हजारों बीएड अभ्यर्थियों ने 800 फीस भरी है, उसे फीस का वह क्या करेंगे। क्या उनकी फीस वापस की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस समय बीएड अभ्यर्थी टेट के लिए योग्य किए गए थे, उस समय एनसीटीई की नोटिफिकेशन प्रभाव में थी। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई की 28 जून, 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है।

बीएड बेरोजगार यूनियन हिमाचल प्रदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है, पर केंद्र सरकार व देश की इतनी बड़ी वैधानिक संस्था एनसीटीई और भारत सरकार का गजट पत्र को देखकर जिन लोगों ने बीएड किया और सी-टेट पास किया और प्राइमरी अध्यापक की परीक्षाओं व अन्य काउंसिलिंग में भाग लिया, उनकी क्या गलती है। हिमाचल प्रदेश में मौजूद दो लाख बीएड डिग्री धारक बेरोजगार अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षक में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार से इस मामले में अध्यादेश की मांग करते हैं और इसके लिए देशभर में बड़े आंदोलन भी चल रहे हैं। देशभर में तीन करोड़ बीएड अभ्यर्थियों के हित का मामला है। अभी टेट से संबंधित जिस तरह से एकदम बीएड वाले बाहर निकाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त प्रक्रिया गलत है। बीएड अभ्यर्थियों ने फैसले से पहले टेट भरा है। जब नोटिफिकेशन प्रभाव में थी। उसमें राहत के लिए बीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

नियमों के उल्लंघन पर मेडिकल कालेजों को एक करोड़ जुर्माना

नई दिल्ली। नेशनल मेडिकल कमीशन ने उन मेडिकल कालेज के लिए कड़े नियम लागू किए हैं, जो वैधानिक प्रावधानों, विनियमों और न्यूनतम मानकों का पालन करने में विफल हो जाते हैं। एनएमसी ने कहा कि जो कालेज इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना होगा। नोटिफिकेशन के अनुसार, मेडिकल शिक्षा मानकों के रखरखाव विनियम, 2023 के अनुसार, संस्थानों के डॉक्टर्स, डिपार्टमेंट के हेड औैर संस्थान के हेड यदि झूठे डॉक्यूमेंट जमा करते पकड़ गए, तो उन्हें पांच लाख रुपये तक के दंड का सामना करना पड़ सकता है। बता दें, ऐसा पहली बार है, जब एनएमसी ने इस तरह का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस कदम से मानदंडों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होने की संभावना है, क्योंकि कई सरकारी और निजी कॉलेज फैकल्टी की कमी का सामना कर रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डा. एमसी मिश्रा ने कहा, पिछले कुछ सालों में अच्छे और सरकारी कॉलेज भी इन मानदंडों का पालन नहीं करते हैं।

छात्रों को डिप्रेशन से बचाएगा सीबीएसई का पॉडकास्ट

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

बोर्ड परीक्षा का तनाव कम करने और पढ़ाई को ज्यादा रोचक बनाने के लिए सीबीएसई ने पहली बार ऑडियो पॉडकास्ट जारी किया है। ये पॉडकास्ट छात्रों को जीवन जीने का सलीका सिखाने के साथ ही खुद को अवसाद से बचाने का रास्ता बताएगा। माता-पिता बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करें, इसके लिए भी अलग से पॉडकास्ट तैयार किया गया है। छात्र-छात्राएं और अभिभावक ये पॉडकास्ट सीबीएसई की वेबसाइट पर पेरेंट्स कॉर्नर का विकल्प चुनने के बाद सुन सकते हैं। सीबीएसई ने इस पॉडकास्ट के माध्यम से छात्रों को जीवन जीने का सलीका भी सिखाने की कोशिश की है। किस तरह से छात्र अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर सकते हैं, इसके उपाय बताए गए हैं।

इसके अलावा परीक्षा के पहले उसकी तैयारी की चिंता और परीक्षा हो जाने के बाद परीक्षाफल की चिंता से छात्र खुद को कैसे उबार सकते हैं, इसके बारे में भी पॉडकास्ट में बताया गया है। परीक्षा और उसके परीक्षाफल को लेकर अपने बच्चों के साथ माता-पिता का व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसको लेकर अभिभावकों के लिए अलग से पॉडकास्ट तैयार किया गया है। टैकलिंग डिप्रेशन, टिप्स फॉर पेरेंट्स, सीबीएसई एग्जाम रैप, नो अबाउट सीबीएसई कॅरियर गाइडेंस पोर्टल, टिप्स फॉर स्टूडेंट, वाट टू डू ऑन एग्जाम-डे, क्विक टिप्स फॉर एग्जाम प्रिपरेशन, स्ट्रेस बिल्डर्स एंड स्ट्रेस बूस्टर, नो अबाउट दोस्त फॉर लाइफ विषयों पर पॉडकास्ट उपलब्ध है।

रैप सॉन्ग बढ़ाएगा छात्रों का उत्साह

आज का दौर नई तकनीक और नवाचार का है। इस दौर में बच्चे सुनी-सुनाई और देखी-दिखाई चीजों को ज्यादा तरजीह देते हैं। उन्हें आसानी से सीख भी लेते हैं। यह वीडियो या ऑडियो फॉर्म दोनों में हो सकता है। नए दौर के इन बच्चों में रैप सांग को लेकर अलग ही आकर्षण दिखता है। सीबीएसई ने अपनी वेबसाइट पर 10वीं और 12वीं की परीक्षा के पहले छात्रों के लिए एग्जाम रैप सांग ‘टेक इट इजी’ तैयार किया है। दो मिनट 49 सेकंड का यह रैप सांग छात्र-छात्राओं में नई ऊर्जा का संचार करने में काफी सहायक होगा।


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