Himachal : डीएलएड को टीजीटी टेट की सशर्त अनुमति, हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग ने कहा था, कोई आपत्ति नहीं
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-शिमला
हिमाचल हाईकोर्ट ने बैचलर ऑफ़ आट्र्स और एलिमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा किए हुए एक अभ्यर्थी को टीजीटी आट्र्स का टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट देने के लिए अनुमति दे दी है। याचिका कर्ता मोहित ठाकुर इसके लिए हाई कोर्ट गए थे। अब हाईकोर्ट ने इस शर्त के साथ उन्हें ऑनलाइन एप्लीकेशन की अनुमति दे दी है कि मामला इस याचिका के अंतिम निर्णय निर्भर करेगा। अब इस केस की सुनवाई 28 दिसंबर 2023 को रखी गई है। हाईकोर्ट में छुट्टियों के दौरान यह मामला वेकेशन बेंच के पास लगा, लेकिन मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश के डिवीजन बेंच ने इस केस को सुना। इसी मामले में याचिका कर्ता ने टीजीटी के भर्ती नियमों को भी चुनौती दी हुई है। इसी केस में हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को भी अपना जवाब दायर करने को कहा था। इस जवाब में शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि यदि अभ्यर्थी को यह टेट परीक्षा देने का मौका दिया जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि टीजीटी के भर्ती नियमों में बदलाव को लेकर उठाई गई आपत्ति पर शिक्षा विभाग ने अभी कुछ नहीं कहा है।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि वह बीए और 2 साल का डीएलएड डिप्लोमा धारक है और उसे 2010 की एनसीटीई की अधिसूचना में छठी से आठवीं पढऩे के लिए पात्र बताया गया है। लेकिन हिमाचल सरकार के 2012 के टीजीटी भर्ती नियमों में उसे शामिल नहीं किया गया है। याचिका कर्ता का कहना है कि एनसीटीई द्वारा बताई गई पांच कैटेगरी भर्ती नियमों में शामिल की गई है, जबकि बीए और डीएलएड कांबिनेशन को इससे बाहर रखा गया है। मोहित ठाकुर ने इस केस में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के नए रूल्स को भी चुनौती दी थी।
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