क्रिप्टो की फांस में हिमाचल

By: Oct 26th, 2023 12:05 am

आसान धन कमाने की चाहत ने क्रिप्टो करेंसी के अवतार में जिस तरह के अपराध को जन्म दिया है, उसके अनुमान-अनुपात में हिमाचल का दलदल देखा जा सकता है। ठगों के गिरोह अपने हैं या अपराध की गिरफ्त में युवाओं का नेटवर्क इतना प्रभावशाली हो गया कि राज्य में करोड़ों की लूट की तहें शर्मिंदा हैं। आमदनी का जरिया और न•ारिया साबित करता है कि क्रिप्टो करेंसी को धन की महबूबा बनाने वालों ने, हिमाचल के खास वर्ग को अपने मोहपाश में लपेट लिया। धन है तो नए निवेश की तलाश में, हिमाचली भी तत्पर हैं कि दिल की आरजू में सोने के महल बना लिए जाएं। निवेश का कतरा-कतरा जिस तरह की फांस पैदा कर रहा है, उससे साइबर क्राइम की निशानियां बढ़ रही हैं। सुखद पहलू यह कि हिमाचल पुलिस के पास शिकायतें आईं तो क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में नकेल कसते हुए सात और आरोपी दबोचे हैं। इससे पहले भी दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और अब परतों के पीछे से कुछ और आपराधिक कलाकार सामने लाए जा रहे हैं। एक संगठित अपराध की शिनाख्त में निवेश का तिलिस्म पैदा करके जो फांस लगाई थी, उसमें हिमाचल के करीब एक से डेढ़ लाख लोग आ चुके हैं। करीब 24 सौ करोड़ के घोटाले में घर-घर आशाएं जली हैं और इस हमाम में कई लोगों की कमाई नंगी हुई है। यह सारा धन सफेद ही रहा होगा या कहीं काली कमाई को कलई करने के चक्कर में सभी ने आस्तीन के सांप पाल रखे थे। जो भी हो, इस तरह के फ्रॉड में हिमाचली समाज का फंसना कई इशारे कर रहा है। पहला यही कि हिमाचली लोगों के पास इतना सरप्लस धन है कि ये निवेश की नई राहें ढूंढ रहे हैं। दूसरे यह कि हिमाचल में बेहिसाब धन सृजन की कई गलियां गोपनीय ढंग से काम कर रही हैं।

तीसरे यह कि हिमाचल के मध्यम वर्गीय समाज पर साइबर क्राइम या इस तरह के निवेश के नाम पर चुनौतियां बढ़ रही हैं। आए दिन मीडिया में यह समाचार आते हैं कि किसी की नेक कमाई को ऑनलाइन लालच ने लूट लिया। हिमाचल का सेवानिवृत्त समाज ही अक्सर इस तरह की धोखेबाजी का शिकार हो रहा है। आय के सीमित साधन तथा परिवार के लिए निवेश के जरिए आय के नए साधनों की खोज में हिमाचल का एक बड़ा हिस्सा सक्रिय है। चंडीगढ़ के आसपास विकसित हुई रियल एस्टेट में हिमाचल के लोगों ने करीब 60 प्रतिशत संपत्तियां खरीद डाली हैं तो इसके मायने समझे जाने चाहिएं या जरूरत यह भी कि हिमाचली लोगों के निवेश के लिए प्रदेश में ही माहौल तैयार किया जाए। ऊना के आसपास एक बड़ा टाउनशिप बसा देते, तो बाहरी राज्यों में जाकर बने निवेशकर्ता अपने ही राज्य को तरजीह देते। हिमाचल सरकार अपने बांड जारी करके प्रदेश के निवेशक को रास्ता दिखा सकती है। शहरी व्यवस्था तथा पर्यटन अधोसंरचना में हिमाचली निवेशक का विश्वास हासिल करना होगा। बहरहाल कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी के बाद हिमाचल पुलिस के हाथ दुबई में बैठे मास्टर माइंड सुभाष शर्मा के करीब समझे जा रहे हैं। देर सबेर हिमाचल भी आर्थिक अपराधों के चंगुल में फंसता जा रहा है।

यह इसलिए भी कि अंतरराज्यीय गिरोहों में हिमाचली युवाओं का होना साबित करता है कि पीढिय़ों को सिफर होते देर नहीं लगती और अगर इसका निवारण सामाजिक दृष्टि से करना ही होगा। हिमाचल में अपराध के कई नेटवर्क होने के सबूत यदा-कदा मिलते रहते हैं, जबकि नशे की तस्करी ने सदी का वीभत्स तंबू यहां भी स्थापित कर लिया है। क्रिप्टो करेंसी लूट के ठीक नीचे कई कहानियां जन्म ले चुकी हैं। किसी ने जीवन भर की कमाई, तो किसी ने औलाद के सपनों को सुपुर्द करके जो धन गंवाया है, उसकी भरपाई का समाधान फिलहाल कठिन दिखाई देता है। यह जांच और कितना आगे बढ़ेगी या इसके दायरे में कितने लोग आएंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं, फिर भी हानि के इस खेल में हिमाचल के कई घर-परिवार अपना बहुत कुछ गंवा चुके हैं। जांच की गोपनीयता के नीचे इतनी बड़ी लूट के शिकार न जाने कब हमारे अपने, अपने मोहल्ले या शहर के निकल आएंगे, किसी को मालूम नहीं।


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