नवरात्रि का महत्त्व

By: Oct 14th, 2023 12:14 am

श्रीश्री रवि शंकर

हम सभी के भीतर देवी ऊर्जा है। देवी कहीं और नहीं, किसी और लोक में नहीं हैं। यदि हम ध्यान में गहराई से बैठेंगे, तो शरीर के भीतर की चमक निखरेगी और फैलकर बाहर भी फैलेगी। यह देवी पूजा है। नवरात्रि का यही महत्त्व है। नवरात्रि यानी माता के 9 दिन। हर साल 2 बार नवरात्रि आती है। एक चैत्र नवरात्रि दूसरी शारदीय। दोनों ही नवरात्रियों का खास महत्त्व होता है। सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक तौर पर भी व्यक्ति इसका फायदा उठा सकता है। इन दिनों में साधना करने से व्यक्ति अपनी चेतना के स्तर को और बढ़ा सकता है। ये दिन आत्मसाक्षात्कार में भी फायदेमंद होते हैं।

नवरात्रि का अर्थ है ‘नौ रातें’। ‘नव’ का अर्थ है ‘नौ’ और ‘रात्रि’ का अर्थ है रात।
रात्रि आराम और ताजगी प्रदान करती है। रात के दौरान, आप नींद के माध्यम से अंदर की ओर मुड़ते हैं और सुबह आप तरोताजा और आराम महसूस करते हुए उठते हैं। उसी तरह, नवरात्रि या ‘नौ रातें’ होता है जब आपको गहन विश्राम का अनुभव करने का मौका मिलता है। यह गहन विश्राम सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति और रचनात्मकता लाता है। इस अवधि के दौरान किए गए उपवास, ध्यान, प्रार्थना और अन्य आध्यात्मिक अभ्यास इस गहरे आराम को लाने में मदद करते हैं। यहां तक कि इस समय के दौरान इंद्रियों पर कंट्रोल करने से भी हम विश्राम की अवस्था पा सकते हैं। यही कारण है कि धार्मिक तौर पर इस समय खान-पान और लाइफस्टाइल से जुड़े नियम बताए गए हैं।

हमारी आत्मा गहन विश्राम का स्रोत है
श्री श्री बताते हैं कि हमारी आत्मा अजर है अमर है और इस ब्रह्मांड में अनादिकाल से है। हमारी आत्मा ही है, जो इस ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत बनकर उससे कनेक्ट कर सकती है। नवरात्रि के 9 दिनों में इन्हीं ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं तक पहुंचा जा सकता है, क्योंकि कुछ सूक्ष्म ऊर्जाएं इन दिनों हमारे साथ खुद कनेक्ट करने की कोशिश करती हैं। ये हमें आत्मा की खोज के लिए प्रेरित करती हैं। नवरात्रि के समय किया गया ध्यान, मंत्रजाप और प्रार्थना न सिर्फ मन की शांति का कारण बनते हैं, बल्कि यह हमें हमारी आत्मा से जोड़ते हैं। जब भी हम अपनी आत्मा के साथ कनेक्शन बनाते हैं तब हम सकारात्मक ऊर्जा से ओत-प्रोत हो जाते हैं।

देवी पूजा: सर्वव्यापी ऊर्जा का सम्मान करना
देवी सर्वव्यापी ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं। संपूर्ण सृष्टि इसी ऊर्जा से व्याप्त है। हम अपने दैनिक जीवन में जिस समृद्धि का आनंद लेते हैं, वह देवी की अभिव्यक्ति है। देवी मां अनेक रूपों में हमारी सेवा करती हैं। हमारे माता-पिता, मित्र, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री और गुरु के भी रूप। घूमते ग्रह और चंद्रमा देव हमारी आरती कर रहे हैं। पूजा के माध्यम से हम कहते हैं, हे मां, तुम मुझे जो भी दो, मैं तुम्हें वापस देता हूं।

उदाहरण के लिए पूजा के दौरान हम देवी को अनाज चढ़ाते हैं, क्योंकि प्रकृति हमें भोजन प्रदान करती है। देवी पूजा संपूर्ण सृष्टि के प्रति श्रद्धा दिखाने वाली विस्तारित चेतना की अभिव्यक्ति है। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान हम जो पूजा करते हैं, वह देवी का सम्मान करने और देवी मां के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का एक तरीका है। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर कहते हैं हम सभी के भीतर देवी ऊर्जा (शक्ति) है।
नवरात्रों में देवी की पूजा नौ रूपों में की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन का महत्त्व देवी मां के एक-एक रूप से जुड़ा हुआ है। नवरात्रि आपके गहरे कायाकलप से गुजरने में मदद करके आपके विचारों, दिमाग और शरीर में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ ला सकती है। यह आपकी आत्मा को महसूस करने का समय है।


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