कोविड में जनता को सांसें देने वाले कोरोना वॉरियर की छुट्टी

By: Oct 1st, 2023 12:02 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- धर्मशाला
पिछले तीन सालों से प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य महकमे में एक्स्ट्रा स्टेपनी की तरह काम करने वाला कोविड स्टाफ आज से घर वापस लौटने वाला है। प्रदेश सरकार की ओर से इस स्टाफ के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं, जो आज से पहले प्रदेश के सैकड़ों संस्थानों में जाकर खुलते थे। दरअसल वैश्विक महामारी कोविड के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों की लचर हालत को सुदढ़ करने के लिए कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग की टूटती कमर को सहेजने के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से आउटसोर्स करके इन्हें रखा गया गया था। डेढ से दो हजार के बीच का ये स्टाफ अब किसी काम का नहीं रहा।

30 सितंबर को इनकी ड्यूटी का आखिरी दिन था, जिससे इस स्टाफ में बेहद ज्यादा मायूसी देखी जा रही है। इतना ही नहीं जिन संस्थानों में इस स्टाफ ने ड्यूटियां दीं, वहां के प्रबंधक भी ये मान रहे हैं कि ये प्रशिक्षित और अनुशासित स्टाफ था, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है। बावजूद इसके बीते पांच महीने से इस आस और विश्वास के साथ काम कर रहे थे कि अगर सरकार का उन्होंने बुरे वक्त में सहारा दिया तो मंहगाई और बेरोजगारी के इस बुरे वक्त में सरकार भी उनका जरूर सहारा बनेगी। कोविड काल आउटसोर्स कर्मचारी इसलिए भी आशावान थे कि वह बाहर के नहीं बल्कि इसी प्रदेश के नागरिक हैं और सरकार के नेता और मुखिया भी इसी प्रदेश से ही आते हैं। बावजूद इसके तमाम प्रयासों और ज्ञापनों के बाबजूद कोविड वॉरियर्स 30 सितंबर से घर भेज दिए गए हैं।

बेरोजगार करके भेज दिया घर
जिला के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों सहित टांडा मेडिकल कालेज में काम करने वाले कोविड स्टाफ की मानें, तो बीते तीन साढ़े तीन सालों में उन्होंने स्वास्थ्य संस्थान में हर वे काम किया है, जिसकी विभाग को ज़रूरत महसूस हुई और आज अचानक से उन्हें बेरोजगार करके घर भेज दिया जा रहा है, ऐसे हालातों में उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि वे करें भी तो क्या करें। उनका तनाव लगातार बढ़ रहा है।


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